मेरा नाम अंकुर जैन है और मैं एक छोटे से शहर का लड़का हूं। मैंने अपनी जिंदगी के शुरूआती दिन एक ऐसे शहर में गुजारे जहां मौके कम थे और सुविधाएं सीमित थीं। हालाँकि, मेरे भीतर एक बड़ा सपना था - एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने का सपना।
शुरुआती संघर्ष
मेरी यात्रा आसान नहीं थी। मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत नहीं थी, और मुझे अपनी पढ़ाई और सपनों के लिए खुद ही रास्ता बनाना था। मैंने छोटी-मोटी नौकरियां कीं और देर रात तक पढ़ाई की।
पहला मौका
एक स्थानीय कंपनी में मुझे इंटर्नशिप का मौका मिला। यह एक छोटी सी भूमिका थी, लेकिन इसने मुझे सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की दुनिया में पैर रखने का मौका दिया। मैंने दिन-रात काम किया और अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया।
बड़ा सपना साकार
इंटर्नशिप के बाद, मुझे कंपनी में फुल-टाइम सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम करने का मौका मिला। यह मेरे सपने का सच होना था। मैंने लगातार कड़ी मेहनत की और अपनी प्रतिभा को निखारा। कुछ सालों बाद, मुझे एक प्रतिष्ठित तकनीकी कंपनी से नौकरी का ऑफर मिला, जहां मैं आज भी काम कर रहा हूं।
सबक सीखा
अपनी यात्रा के दौरान, मैंने कई सबक सीखे। सबसे महत्वपूर्ण सबक यह है कि कभी भी अपने सपनों को मत छोड़ो, चाहे परिस्थितियाँ कितनी भी चुनौतीपूर्ण क्यों न हों। इसके अलावा, कड़ी मेहनत, समर्पण और दृढ़ता से कुछ भी हासिल किया जा सकता है।
एक छोटे शहर के लड़के का संदेश
मैं उन सभी छोटे शहरों के लड़के-लड़कियों को यह संदेश देना चाहता हूं जो बड़े सपने देखते हैं। अपनी जड़ों से शर्मिंदा मत हो, बल्कि उन्हें अपनी ताकत मानो। कड़ी मेहनत करो, कभी हार मत मानो, और तुम्हारे सपने भी ज़रूर सच होंगे।
कॉल टू एक्शन
अगर आपको मेरी कहानी से प्रेरणा मिली है, तो कृपया इसे दूसरों के साथ शेयर करें। चलिए मिलकर उन सभी को प्रोत्साहित करते हैं जो अपने सपनों का पीछा करने की हिम्मत रखते हैं, भले ही वे चाहे कितने भी छोटे शहर से क्यों न हों।