अंतरिक्ष में रहने वाली पहली भारतीय अमेरिकी महिला
सुनीता पंड्या विलियम्स, जिन्हें सुनीता विलियम्स के नाम से भी जाना जाता है, एक अमेरिकी नौसेना अधिकारी, अंतरिक्ष यात्री और अंतरिक्ष में रहने वाली पहली भारतीय अमेरिकी महिला हैं। उनका जन्म गुजरात, भारत के बाह्मण समुदाय में हुआ था और उनका पालन-पोषण अमेरिका में हुआ था।
विलियम्स ने यूनाइटेड स्टेट्स नेवल एकेडमी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की और 1987 में नौसेना में शामिल हुईं। उन्होंने अपने करियर के दौरान हेलीकॉप्टर पायलट और टेस्ट पायलट के रूप में कार्य किया। 1998 में उन्हें नासा द्वारा अंतरिक्ष यात्री उम्मीदवार के रूप में चुना गया।
विलियम्स ने 2006 में अपना पहला अंतरिक्ष मिशन अंतरिक्ष यान अटलांटिस पर पूरा किया। वह इस मिशन पर अंतरिक्ष में चलने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी महिला बनीं। उन्होंने 2007 में अपने दूसरे मिशन के दौरान अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर छह महीने बिताए। इस उड़ान के दौरान, उन्होंने 195 दिनों के लिए अंतरिक्ष में रहने की महिला रिकॉर्ड बनाया।
विलियम्स 2012 में अपने तीसरे और अंतिम अंतरिक्ष मिशन पर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन लौटीं। इस मिशन के दौरान, वह अंतरिक्ष में चलने वाली सबसे उम्रदराज महिला बनीं। उन्होंने अंतरिक्ष में कुल 322 दिन बिताए, जो किसी भी महिला अंतरिक्ष यात्री के लिए दूसरा सबसे लंबा समय है।
विलियम्स अपने करियर के दौरान कई पुरस्कारों और सम्मानों की प्राप्तकर्ता रही हैं। उन्हें 2008 में नासा के अंतरिक्ष पदक से सम्मानित किया गया था। वह कई संगठनों और पहलों में भी शामिल हैं जो विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) में महिलाओं को प्रोत्साहित करती हैं।
सुनीता विलियम्स भारतीय और भारतीय अमेरिकी समुदायों के लिए एक प्रेरणा रही हैं। वह सीखने, अपने सपनों का पालन करने और कभी भी सीमाओं से सीमित न होने के महत्व का प्रतीक हैं। उनकी उपलब्धियाँ महिलाओं और रंग के लोगों के लिए एक सबूत हैं कि कुछ भी असंभव नहीं है।