अतर को अतर से दूर रखोगे तो वह महक नहीं देगा




आज के समय में हम सब इतने व्यस्त हो गए हैं कि अपने आप को, अपने दोस्तों को और फ़ैमिली को समय ही नहीं दे पाते। इस भाग दौड़ भरी ज़िंदगी में हमने खुशियाँ ढूँढना ही भूल गए हैं। सिर्फ़ काम करते रहते हैं, पैसा कमाते रहते हैं। पर पैसा कमाते-कमाते हम अपने लिए जो ज़रूरी है, उसे भूलते जा रहे हैं।

भागते-दौड़ते वक्त हम भूल जाते हैं कि हम किसलिए जी रहे हैं। सिर्फ़ जी रहे हैं, या जी भर के जी रहे हैं? क्या हम वो सब कुछ पा चुके हैं जो हम चाहते थे? क्या हम अपने आप से संतुष्ट हैं? क्या हम अपने परिवार वालों को खुश रख पा रहे हैं? इन सवालों के जवाब देते-देते हम हमेशा आगे बढ़ते रहते हैं। पर कभी रुक कर नहीं सोचते कि हमने अब तक क्या हासिल किया है।

आजकल हर कोई काम में इतना व्यस्त है कि अपने दोस्तों के लिए वक्त नहीं निकाल पाता। वो सोचते हैं कि हमारे दोस्त हैं ही, कहीं नहीं जाएंगे। पर दोस्ती भी एक रिश्ता होता है और हर रिश्ते को वक्त और प्यार की जरूरत होती है। अगर हम दोस्तों के लिए वक्त नहीं निकालेंगे तो वो हमसे दूर हो जाएंगे।

ठीक वैसे ही जैसे अगर अतर को अतर से दूर रखोगे तो वह महक नहीं देगा। वैसे ही अगर हम अपने दोस्तों को समय नहीं देंगे तो हमारी दोस्ती भी अपनी महक खो देगी। दोस्ती खुशियों की खुशबू होती है, जो ज़िंदगी को महकाती है। अगर हम दोस्तों को समय नहीं देंगे तो हमारी ज़िंदगी से खुशियों की महक भी चली जाएगी।

इसलिए आज से ही अपने दोस्तों के लिए वक्त निकालिए। उनसे मिलिए, बातें कीजिए, उनके साथ हंसिए-खेलिए। क़ीमती पल बिताइए। दोस्ती की डोर को कभी टूटने मत दीजिए।

क्योंकि:

  • "अगर अतर को अतर से दूर रखोगे तो वह महक नहीं देगा।"