अनिल अंबानी, एक विरोधाभासी शख्सियत, जिनकी कहानी भारत के कॉर्पोरेट इतिहास के सबसे पेचीदा अध्यायों में से एक है। धन, शक्ति और विवाद से जुड़े उनके जीवन ने हमेशा भारत के लोगों को आकर्षित किया है।
प्रारंभिक जीवन और उदय:
अनिल का जन्म 18 जून, 1959 को मुंबई के एक धनी और प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था। बड़े भाई मुकेश के साथ, वे भारत के सबसे बड़े व्यावसायिक घराने, रिलायंस इंडस्ट्रीज के उत्तराधिकारी थे। अनिल ने आगे की पढ़ाई संयुक्त राज्य अमेरिका में की और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एमबीए हासिल किया।
भाईचारे का विभाजन:
2002 में, अनिल और मुकेश के बीच परिवार की संपत्ति का विभाजन हुआ, जो भारत के कॉर्पोरेट इतिहास की एक बड़ी घटना बन गई। अनिल को दूरसंचार, ऊर्जा और बुनियादी ढांचे को कवर करने वाली कंपनियों का समूह मिला, जिसे रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी समूह (ADAG) नाम दिया गया।
सफलता और विवाद:
ADAG ने शुरुआत में कई क्षेत्रों में तेजी से विकास किया, खासकर दूरसंचार में। रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) भारत में सबसे बड़े टेलीकॉम ऑपरेटरों में से एक बन गया। हालाँकि, बाद के वर्षों में, समूह को भारी कर्ज और वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा।
अनिल अंबानी का नाम कई विवादों से भी जुड़ा रहा है, जिसमें 2G स्पेक्ट्रम घोटाला और राफेल सौदा शामिल है। उनकी भागीदारी पर सवाल उठाए गए हैं और उन पर अनियमितताओं का आरोप लगाया गया है।
व्यक्तिगत जीवन:
अनिल अंबानी की दो बार शादी हो चुकी है। उनकी पहली पत्नी टीना मुनीम, एक पूर्व बॉलीवुड अभिनेत्री थीं। 2002 में, उन्होंने टिना से तलाक ले लिया और पूर्व मिस इंडिया यूनिवर्स, टीना मुनीम से शादी कर ली।
विरासत:
अनिल अंबानी एक जटिल और विवादास्पद व्यक्ति बने हुए हैं। अपने व्यवसायिक जीवन में, वह उल्लेखनीय सफलता और विफलता दोनों का अनुभव कर चुके हैं। उनकी विरासत वर्षों तक बहस का विषय बनी रहेगी।
एक मानवीय दृष्टिकोण:
अनिल अंबानी की कहानी एक मानवीय दृष्टिकोण भी देती है। वह एक ऐसे व्यक्ति के रूप में उभरते हैं जो महत्वाकांक्षी और दृढ़ दोनों है, लेकिन जो गलतियाँ भी करता है। उनकी कहानी हमें जीवन में उतार-चढ़ाव और प्रयास और दृढ़ता के महत्व के बारे में याद दिलाती है।
अनिल अंबानी की कहानी एक सतत और विकसित हो रही कहानी है। यह निश्चित रूप से भारतीय कॉर्पोरेट इतिहास के सबसे पेचीदा और आकर्षक अध्यायों में से एक है।