अनिल विज: हरियाणा के शेर




हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज एक ऐसे नेता हैं जिनके बारे में जितना कहा जाए कम है। उनका जीवन संघर्ष और सफलता की एक अद्भुत कहानी है।

विज का जन्म 15 मार्च 1953 को अंबाला कैंट में एक किसान परिवार में हुआ था। उनके पिता भीम सैन और माता राजरानी साधारण लोग थे। विज ने अपनी प्राथमिक शिक्षा अंबाला कैंट से ही प्राप्त की।

राजनीति में प्रवेश

विज ने राजनीति में प्रवेश 1975 में जनता पार्टी से किया था। उन्होंने 1977 में अंबाला कैंट से पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ा और भारी मतों से जीत हासिल की। तब से लेकर अब तक वे लगातार 6 बार अंबाला कैंट से विधायक चुने जा चुके हैं।

गृहमंत्री के रूप में

2014 में भाजपा सरकार बनने के बाद विज को हरियाणा का गृहमंत्री बनाया गया। गृहमंत्री के रूप में उन्होंने कई महत्वपूर्ण काम किए हैं। उन्होंने राज्य में कानून-व्यवस्था को मजबूत किया है और अपराध पर अंकुश लगाया है।

विज ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए भी कई कदम उठाए हैं। उन्होंने राज्य में महिला पुलिस थानों की संख्या बढ़ाई है और महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

सादा जीवन, उच्च विचार

विज एक साधारण जीवन जीने वाले व्यक्ति हैं। वह आज भी वही घर में रहते हैं जहां उनका जन्म हुआ था। वह हमेशा साइकिल से विधानसभा जाते हैं।

विज एक कुशल प्रशासक और नेता हैं। उन्होंने हरियाणा के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनका जीवन युवाओं के लिए एक प्रेरणा है।

"मैं हरियाणा का शेर हूं"

विज को "हरियाणा का शेर" कहा जाता है। यह उपाधि उन्हें उनकी निडरता और साहस के लिए मिली है। विज ने हमेशा राज्य के हितों की रक्षा के लिए अपनी आवाज बुलंद की है।

अनिल विज एक ऐसे नेता हैं जिन पर हरियाणा को गर्व है। वह एक सच्चे सैनिक हैं जो अपने राज्य और देश की सेवा में समर्पित हैं।