अपेंद्र द्विवेदी




आपने अपेंद्र द्विवेदी का नाम तो सुना ही होगा, ये वो शख्स हैं जिनके बारे में कहा जाता है कि इन्होंने बिना किसी खर्चे के 800 करोड़ रुपये की संपत्ति बनाई है।

लेकिन सवाल ये है कि अपेंद्र द्विवेदी ने ये कमाल कैसे कर दिखाया?

इसका जवाब है सीमेंट। जी हां, सीमेंट। अपेंद्र द्विवेदी सीमेंट के कारोबार से जुड़े हुए हैं। वह मध्य प्रदेश के सीधी जिले के रहने वाले हैं।

अपेंद्र द्विवेदी का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था। उनके पिता एक किसान थे और उनकी माँ एक गृहिणी थीं। अपेंद्र द्विवेदी बचपन से ही पढ़ाई-लिखाई में अच्छे थे। वह अपने गांव के स्कूल में सबसे होशियार छात्र थे।

10वीं कक्षा पास करने के बाद अपेंद्र द्विवेदी ने भोपाल के एक कॉलेज में दाखिला लिया। उन्होंने कॉलेज से बीकॉम की डिग्री हासिल की।

कॉलेज से पढ़ाई पूरी करने के बाद अपेंद्र द्विवेदी ने नौकरी की तलाश शुरू की। लेकिन उन्हें कोई अच्छी नौकरी नहीं मिली।

कुछ समय बाद अपेंद्र द्विवेदी को सीमेंट के कारोबार के बारे में पता चला। उन्होंने सोचा कि क्यों न इसी कारोबार में हाथ आजमाया जाए।

अपेंद्र द्विवेदी ने अपने गांव में एक छोटी सी सीमेंट की दुकान खोली। शुरू में उनका कारोबार ठीक-ठाक चल रहा था। लेकिन कुछ समय बाद उन्हें कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ा।

पहली समस्या ये थी कि सीमेंट के दाम बहुत ज्यादा थे।

दूसरी समस्या ये थी कि सीमेंट की सप्लाई में बहुत दिक्कत होती थी।

तीसरी समस्या ये थी कि सीमेंट का बिजनेस करने के लिए बहुत सारे पैसे की जरूरत होती थी।

लेकिन अपेंद्र द्विवेदी ने हार नहीं मानी। उन्होंने इन सभी समस्याओं का सामना बड़ी हिम्मत से किया।

अपेंद्र द्विवेदी ने सीमेंट के दाम कम करने के लिए सीधे सीमेंट फैक्ट्री से सीमेंट खरीदना शुरू किया। इससे उन्हें सीमेंट पर काफी बचत हुई।

सीमेंट की सप्लाई की समस्या को दूर करने के लिए अपेंद्र द्विवेदी ने एक ट्रक खरीदा। इससे उन्हें सीमेंट की सप्लाई में कोई दिक्कत नहीं हुई।

सीमेंट का बिजनेस करने के लिए पैसे की जरूरत को पूरा करने के लिए अपेंद्र द्विवेदी ने एक बैंक से लोन लिया।

इन सभी प्रयासों के बाद अपेंद्र द्विवेदी का सीमेंट का कारोबार बहुत तेजी से बढ़ने लगा। कुछ ही सालों में अपेंद्र द्विवेदी ने एक बड़ी सीमेंट कंपनी खड़ी कर ली।

आज अपेंद्र द्विवेदी की कंपनी की सालाना टर्नओवर 800 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है।

अपेंद्र द्विवेदी की कहानी हमें यह सिखाती है कि अगर हम अपने सपनों को पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्प हों, तो हम कुछ भी हासिल कर सकते हैं।