अपनी माँ को ना सताया करो!
माँ, इस शब्द से ही कितनी सारी मधुरता और स्नेह हमारे मन में भर जाता है। माँ वो है जो बिना किसी स्वार्थ के हमारी देखभाल करती है, हमारी खुशी के लिए अपनी खुशियाँ कुर्बान कर देती है। उसकी ममता, उसका प्यार, इस संसार में सबसे अनमोल और अपूर्व है।
लेकिन क्या हम सब अपनी माँ का सम्मान करते हैं? क्या हम उन्हें कभी दुख पहुँचाते हैं? अगर हाँ, तो हमें अपनी इस गलती का एहसास होना चाहिए। अपनी माँ को कभी भी दुख नहीं पहुँचाना चाहिए, क्योंकि उसके आँसुओं में हमारी खुशियों की बरबादी है।
माँ की महत्ता को समझना बहुत जरूरी है। वो हमारे जीवन की पहली गुरु होती है, जो हमें चलना-फिरना सिखाती है, बोलना सिखाती है और दुनिया की हर बुराई से हमारी रक्षा करती है। उसकी हर साँस हमारे लिए है, और उसकी हर धड़कन हम पर ही कुर्बान होती है।
कई बार हम अपनी माँ के व्यवहार से नाराज हो जाते हैं, या उनकी बातों को अनसुना कर देते हैं। लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि वो हमारी माँ है, और वो हमारी भलाई चाहती है। अगर वो हमें कुछ समझाती है, या हमें डांटती है, तो वो इसलिए कि वो हमारा भला चाहती है।
इसलिए, अपनी माँ को कभी भी दुख मत पहुँचाना। उन्हें हमेशा सम्मान दो, और उनकी हर बात को सुनो। उनके प्यार की कदर करो, और उनके आँसुओं का सम्मान करो। माँ का प्यार दुनिया का सबसे बड़ा उपहार है, इसे कभी भी नजरअंदाज मत करना।
अपनी माँ से बेइंतहा प्यार करो, और उनकी हर खुशी का ख्याल रखो। उन्हें कभी भी दुख मत पहुँचाना, क्योंकि अगर माँ दुखी है, तो आप भी दुखी रहेंगे।
माँ, तू है तो ही मैं हूँ।
माँ, तेरे बिना मैं कुछ भी नहीं।
माँ, तेरा प्यार है मेरी ताकत।
माँ, तेरा आशीर्वाद है मेरी जन्नत।
माँ, हैप्पी मदर्स डे!