अब्दुल कलाम: मिसाइल मैन से राष्ट्रपति तक का सफर




भूमिका:
अब्दुल कलाम एक भारतीय वैज्ञानिक और राजनेता थे, जिन्हें भारत के मिसाइल कार्यक्रम के जनक और देश के 11वें राष्ट्रपति के रूप में जाना जाता है। उनका जीवन एक प्रेरणादायक कहानी है, जो मिसाइलों और अंतरिक्ष अनुसंधान के साथ-साथ राष्ट्र सेवा के उनके जुनून को दर्शाता है।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा:
अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को रामेश्वरम, तमिलनाडु में एक गरीब मुस्लिम परिवार में हुआ था। वह बचपन से ही एक जिज्ञासु बच्चे थे, और उन्होंने विज्ञान और गणित में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। उन्होंने मद्रास प्रौद्योगिकी संस्थान से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की।
वैज्ञानिक करियर:
कलाम का वैज्ञानिक करियर 1962 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में शामिल होने के साथ शुरू हुआ। उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के महत्वपूर्ण विकास में योगदान दिया, जिसमें उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएलवी) और ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) का विकास भी शामिल था।
मिसाइल कार्यक्रम:
1983 में, कलाम को भारत के मिसाइल विकास कार्यक्रम का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त किया गया था। उनके नेतृत्व में, भारत ने अग्नि और पृथ्वी जैसी कई मिसाइलों को सफलतापूर्वक विकसित किया, जिससे भारत को एक विश्वसनीय मिसाइल शक्ति के रूप में स्थापित किया गया।
राष्ट्रपति पद:
2002 में, कलाम को भारत का 11वां राष्ट्रपति चुना गया। वह इस पद पर 2007 तक रहे। राष्ट्रपति के रूप में, उन्होंने भारत के युवाओं को प्रेरित किया और वैज्ञानिक अनुसंधान और प्रौद्योगिकी के विकास को बढ़ावा दिया।
दर्शन और विचार:
कलाम अपने विनम्र स्वभाव और सरल जीवन शैली के लिए जाने जाते थे। वह मानते थे कि हर किसी को सपने देखने और उन्हें पूरा करने का अधिकार है, चाहे उनकी पृष्ठभूमि कुछ भी हो। उनका आदर्श वाक्य था, "छोटे सपने देखने वालों को छोटी सफलताएँ मिलेंगी, जबकि बड़े सपने देखने वालों को बड़ी सफलताएँ मिलेंगी।"
विरासत:
27 जुलाई, 2015 को शिलांग में दिल का दौरा पड़ने से अब्दुल कलाम का निधन हो गया। उन्हें एक राष्ट्रीय नायक के रूप में याद किया जाता है, और उनकी विरासत विज्ञान, प्रौद्योगिकी और राष्ट्र सेवा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को प्रेरित करती रहती है।
निष्कर्ष:
अब्दुल कलाम का जीवन एक असाधारण यात्रा थी, जो प्रेरणा, दृढ़ संकल्प और देशभक्ति की कहानी कहती है। मिसाइल मैन से राष्ट्रपति तक, उन्होंने अपनी शक्ति और ज्ञान का उपयोग भारत को एक विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित करने के लिए किया। उनकी विरासत भावी पीढ़ियों को सपने देखने, बड़ा सोचने और अपने देश की सेवा करने के लिए प्रेरित करती रहेगी।