अभिषेक मनु सिंघवी: विवादों और सिद्धांतों के योद्धा




अभिषेक मनु सिंघवी, जिन्हें "एएमएस" के नाम से जाना जाता है, एक ऐसा नाम है जो तेज बुद्धि, विवादों और भारतीय राजनीति में एक मजबूत स्थिति का पर्याय है। राजस्थान के पूर्व शाही परिवार से आने वाले सिंघवी राजनीति के साथ-साथ कानून के क्षेत्र में भी एक प्रसिद्ध व्यक्तित्व हैं।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा:
सिंघवी का जन्म 1959 में राजस्थान के जोधपुर में हुआ था। उनके पिता, मान सिंह दास, जोधपुर के अंतिम शासक थे। अपनी अभिजात्य पृष्ठभूमि के बावजूद, सिंघवी ने एक मामूली जीवन शैली पसंद की और कम उम्र से ही राजनीति में रुचि लेने लगे। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास में स्नातक और कानून में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की।
कानूनी करियर:
कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद, सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में वकालत शुरू की। उन्होंने जल्द ही भारत के प्रमुख वकीलों में से एक के रूप में ख्याति अर्जित की, जो कॉर्पोरेट कानून, संवैधानिक मामलों और मानवाधिकारों में विशेषज्ञता रखते थे। उन्होंने विभिन्न उच्च-प्रोफ़ाइल मामलों में तर्क दिया है, जिसमें 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला और जाति-आधारित आरक्षण पर याचिकाएँ शामिल हैं।
राजनीतिक सफर:
सिंघवी की राजनीतिक यात्रा 1984 में शुरू हुई जब वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए। उन्हें राजस्थान के राज्यसभा सदस्य के रूप में चुना गया और जल्द ही पार्टी में एक उभरते हुए सितारे के रूप में पहचाना जाने लगा। वह राजीव गांधी और मनमोहन सिंह सरकार में कानून और न्याय मंत्री के रूप में भी कार्यरत रहे हैं।
विवाद और सिद्धांत:
सिंघवी अपने पूरे करियर में विवादों से घिरे रहे हैं। कुछ लोगों ने उनकी अभिजात्य पृष्ठभूमि और उनकी कट्टर वामपंथी विचारधारा की आलोचना की है। उनके राजनीतिक विरोधियों ने अक्सर उन पर मौखिक रूप से हिंसक होने और संसदीय मर्यादा का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है।

हालाँकि, सिंघवी भी अपने सिद्धांतों और अदालत में अपनी कौशल के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने हमेशा गरीबों, वंचितों और मानवाधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी है। वह सेंसरशिप और आपातकाल के प्रबल आलोचक रहे हैं और अक्सर सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाई है।

व्यक्तिगत जीवन:
सिंघवी की शादी समाजवादी नेता अमिता कुमारी सिंह से हुई है। उनके दो बच्चे हैं। वह एक शौकीन पाठक हैं और इतिहास और साहित्य में उनकी गहरी रुचि है। वह एक कुशल गायक भी हैं और कभी-कभी सार्वजनिक रूप से गाना गाते हैं।
विरासत:
अभिषेक मनु सिंघवी भारतीय राजनीति में एक जटिल और विवादास्पद व्यक्ति हैं। उनकी बुद्धि, वक्तृत्व कौशल और सिद्धांतों ने उन्हें एक अत्यधिक प्रभावशाली व्यक्ति बना दिया है। उनकी विरासत आने वाले कई वर्षों तक भारतीय राजनीति को आकार देती रहेगी।
कॉल टू एक्शन:
स्वतंत्र भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के महत्व के बारे में सिंघवी की वकालत हमें याद दिलाती है कि लोकतंत्र में हमारी आवाज उठाने और सत्ता के दुरुपयोग के खिलाफ बोलने का अधिकार है। हमें अपने सिद्धांतों के लिए खड़े रहने और अपने समाज को बेहतर बनाने के लिए काम करने के लिए प्रेरित होने दें।