भारतीय हॉकी जगत का एक चमकता सितारा, अमित रोहिदास ने अपनी असाधारण प्रतिभा और दृढ़ संकल्प से दुनिया भर में पहचान बनाई है। झारखंड के एक छोटे से गाँव से उभरकर, उन्होंने भारत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर कई उपलब्धियाँ दिलाई हैं।
रोहिदास की हॉकी यात्रा एक प्रेरणादायक कहानी है। वह छह भाई-बहनों में सबसे छोटे थे और आर्थिक तंगी का सामना करते हुए बड़े हुए। लेकिन हॉकी के लिए उनके जुनून ने उन्हें हर बाधा को पार करने की ताकत दी। उन्होंने अपने पिता से रात को मिट्टी की सड़कों पर अभ्यास किया और जल्द ही अपनी असाधारण क्षमताओं का प्रदर्शन करना शुरू कर दिया।
2013 में भारतीय जूनियर टीम में चयनित होने के बाद, रोहिदास का करियर तेजी से ऊपर चढ़ने लगा। उन्होंने 2016 के ओलंपिक में अपनी राष्ट्रीय टीम की शुरुआत की और तब से पिछला मुड़कर नहीं देखा। अपने शक्तिशाली ड्रैग-फ्लिक और बेहतरीन डिफेंस कौशल के लिए जाने जाते हैं, रोहिदास को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ डिफेंडरों में से एक माना जाता है।
रोहिदास के मैदान पर उपलब्धियों के अलावा, वह अपने विनम्र स्वभाव और सामाजिक कार्यों के लिए भी जाने जाते हैं। वह अपने गृहनगर में बच्चों के लिए हॉकी अकादमी चलाते हैं और हॉकी के विकास को बढ़ावा देने के लिए कई पहल करते हैं। रोहिदास का मानना है कि खेल लोगों को एक साथ ला सकता है और सकारात्मक बदलाव ला सकता है।
अमित रोहिदास हॉकी के सच्चे जादूगर हैं। उनकी कहानी प्रेरणा और दृढ़ संकल्प की एक कहानी है। एक छोटे से गाँव से आकर, उन्होंने दुनिया भर में अपनी प्रतिभा साबित की है और भारत के लिए कई उपलब्धियाँ हासिल की हैं। रोहिदास की विरासत लंबे समय तक भारतीय हॉकी में एक प्रेरणा बनी रहेगी।