अमित शाह




भारतीय राजनीति के सियासी पटल पर अमित शाह का नाम एक ऐसा नाम है, जो अपने दमदार व्यक्तित्व और रणनीतिक सोच के लिए जाना जाता है। वर्तमान में भारत के गृह मंत्री के रूप में कार्यरत, शाह ने अपने राजनीतिक करियर में कई अहम पदों पर काम किया है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सफलता में अहम भूमिका निभाई है।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा:

अमित शाह का जन्म 22 अक्टूबर, 1964 को मुंबई में हुआ था। उन्होंने गुजरात विश्वविद्यालय से बायोकेमिस्ट्री में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। अपने कॉलेज के दिनों में ही शाह भारतीय जनता युवा मोर्चा से जुड़े और सक्रिय रूप से राजनीति में भाग लेने लगे।

राजनीतिक यात्रा:

शाह के राजनीतिक करियर की शुरुआत 1987 में नरेंद्र मोदी के तहत अहमदाबाद नगर निगम चुनाव अभियान प्रबंधक के रूप में हुई। इस अभियान में शाह की सफलता ने उनकी राजनीतिक क्षमता को उजागर किया और उन्हें भाजपा का ध्यान आकर्षित किया।

2001 में, शाह को गुजरात विधानसभा चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंपी गई। शाह के नेतृत्व में भाजपा ने चुनाव में शानदार जीत दर्ज की और राज्य में सत्ता बरकरार रखी। इस जीत ने शाह को पार्टी के भीतर एक मजबूत नेता के रूप में स्थापित किया।

2013 में, शाह को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया। इस भूमिका में, उन्होंने पार्टी संगठन को मजबूत करने और पार्टी के चुनावी अभियानों का प्रबंधन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। शाह के नेतृत्व में, भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज की और केंद्र में सरकार बनाई।

केंद्रीय गृह मंत्री के रूप में:

2019 के लोकसभा चुनावों के बाद, शाह को भारत का गृह मंत्री नियुक्त किया गया। इस भूमिका में, वे आंतरिक सुरक्षा, पुलिसिंग और आतंकवाद विरोधी उपायों के लिए जिम्मेदार हैं। शाह ने आतंकवाद पर कड़ा रुख अपनाया है और उन्होंने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को रद्द करने और नागरिकता संशोधन अधिनियम को लागू करने जैसे कई प्रमुख निर्णय लिए हैं।

नेतृत्व शैली और रणनीति:

अमित शाह अपनी मजबूत नेतृत्व शैली और रणनीतिक सोच के लिए जाने जाते हैं। वह एक कुशल संगठनकर्ता हैं और उनके पास चुनाव प्रबंधन में महारत हासिल है। शाह अपने करिश्मे और राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों से निपटने की उनकी क्षमता के लिए भी जाने जाते हैं।

विवाद और आलोचना:

अमित शाह एक विवादास्पद व्यक्ति रहे हैं और उनके कुछ कार्यों की आलोचना की गई है। उन पर गुजरात में 2002 के दंगों में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। हालांकि, इन आरोपों को अदालतों द्वारा खारिज कर दिया गया है। शाह के नागरिकता संशोधन अधिनियम के समर्थन और जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को रद्द करने की भी आलोचना की गई है।

निष्कर्ष:

अमित शाह भारतीय राजनीति के एक ध्रुवीकरण करने वाले व्यक्ति हैं। उनके समर्थक उन्हें एक मजबूत और निर्णायक नेता के रूप में देखते हैं, जबकि उनके आलोचक उन्हें एक विभाजनकारी व्यक्ति के रूप में देखते हैं। चाहे जो भी हो, शाह एक प्रभावशाली राजनेता हैं जिन्होंने भारतीय राजनीति के परिदृश्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।