मुझे आज भी वह दिन याद है जब अमन सहरावत ने कुश्ती में कांस्य पदक जीता था। मैं अपने घर पर टीवी पर मैच देख रहा था। मैं इतना उत्साहित था कि मैं अपनी जगह पर स्थिर नहीं रह पा रहा था।
अमन सहरावत एक युवा भारतीय पहलवान हैं। वह 57 किलोग्राम भार वर्ग में प्रतिस्पर्धा करते हैं। वह 2018 के राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीत चुके हैं। वह हाल ही में हुए एशियाई खेलों में भी कांस्य पदक जीता है।
कांस्य पदक मैच में अमन का सामना ईरान के अली असगरिया से हुआ। असगरिया एक अनुभवी पहलवान हैं। वह विश्व चैंपियनशिप में दो बार पदक जीत चुके हैं।
मैच बहुत करीबी था। दोनों पहलवानों ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। अंत में, अमन ने मैच 7-5 से जीता।
अमन की जीत भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि थी। यह पहली बार था जब किसी भारतीय पहलवान ने एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता था।
अमन की जीत से मुझे बहुत प्रेरणा मिली। यह मुझे दिखाया कि कुछ भी असंभव नहीं है। यदि आप कड़ी मेहनत करते हैं और अपने सपनों पर विश्वास करते हैं, तो आप कुछ भी हासिल कर सकते हैं।
अमन सहरावत एक सच्चे चैंपियन हैं। वह एक महान उदाहरण हैं कि कैसे कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प आपको सफलता की ओर ले जा सकता है।