अमूल आइसक्रीम सेंटीपीड
क्या आप जानते हैं कि अमूल आइसक्रीम की एक ऐसी किस्म है जिसे "सेंटीपीड" कहा जाता है? ये एक लंबा, पतला आइसक्रीम बार होता है जिसमें कई सारी रंगीन परतें होती हैं, जो एक सेंटीपीड के पैरों की तरह दिखाई देती हैं।
मेरा पहला सेंटीपीड मेरे बचपन का एक यादगार अनुभव है। मैं अपने घर के पास एक छोटी सी दुकान में था जब मेरी नज़र काउंटर पर रखे एक चमकीले अमूल सेंटीपीड पर पड़ी। उसके रंगीन पैर और मीठी सुगंध ने मुझे अपनी ओर खींचा। मैंने तुरंत एक खरीदा और खुशी से खा लिया। जैसे-जैसे मैं प्रत्येक परत में जाता, मुझे एक अलग स्वाद और बनावट का पता चलता - चॉकलेट, वेनिला, स्ट्रॉबेरी, और भी बहुत कुछ। यह एक ऐसा अनुभव था जो मैंने कभी नहीं भुलाया।
इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि सेंटीपीड भारत में सबसे लोकप्रिय आइसक्रीमों में से एक है। यह बच्चों और वयस्कों दोनों के लिए एक पसंदीदा है। इसकी अनूठी उपस्थिति और स्वादिष्ट स्वाद इसे हर किसी के लिए एक सही विकल्प बनाता है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि सेंटीपीड को बनाने के पीछे एक दिलचस्प कहानी है? कहा जाता है कि यह पहली बार 1960 के दशक में गुजरात के एक छोटे से शहर में बनाया गया था। स्थानीय आइसक्रीम निर्माता कई स्वादों वाले आइसक्रीम का एक नया और रोमांचक तरीका बनाने की कोशिश कर रहे थे, और उन्होंने सेंटीपीड के साथ आने का फैसला किया।
सेंटीपीड इतना लोकप्रिय हो गया कि अमूल ने जल्द ही इसे अपने उत्पादों की श्रेणी में शामिल कर लिया। आज, सेंटीपीड अमूल की सबसे प्रतिष्ठित आइसक्रीम में से एक है, और यह निश्चित रूप से भारतीय संस्कृति का एक प्रतीक बन गया है।
तो, अगली बार जब आप आइसक्रीम के लिए तरस रहे हों, तो अमूल सेंटीपीड का प्रयास करना न भूलें। यह एक क्लासिक भारतीय व्यंजन है जिसे आप अवश्य आजमाना चाहिए।
यदि आप वास्तव में साहसी महसूस कर रहे हैं, तो आप अपना खुद का सेंटीपीड बनाने का भी प्रयास कर सकते हैं। बस अपने पसंदीदा आइसक्रीम फ्लेवर को इकट्ठा करें और उन्हें एक साथ मोड़ें। आप अपने सेंटीपीड को किसी भी आकार और आकार में बना सकते हैं, इसलिए रचनात्मक बनें और मज़े करें!