अवनि लेखरा एक भारतीय पैरालंपिक शूटर हैं, जिन्होंने टोक्यो 2020 पैरालंपिक में महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग SH1 स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा। वह पैरालंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला और किसी भी खेल में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं।
जयपुर में जन्मी और पली-बढ़ी अवनि का जीवन युवावस्था में एक दुखद घटना से बदल गया, जब एक कार दुर्घटना के कारण उनकी रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट लग गई। इससे उन्हें कमर से नीचे लकवा मार गया। लेकिन अवनि ने इस चुनौती को एक अवसर के रूप में लिया और शूटिंग को एक खेल के रूप में अपनाया।
एक शूटर के रूप में उनकी यात्राअवनि ने 2015 में शूटिंग शुरू की और जल्द ही उनके असाधारण कौशल और दृढ़ संकल्प के लिए पहचानी जाने लगीं। वह नियमित रूप से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीतीं और 2018 में कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पैरालंपिक शूटर बनीं।
अवनि का लक्ष्य हमेशा पैरालंपिक खेलों में प्रतिस्पर्धा करना और स्वर्ण पदक जीतना था। उन्होंने टोक्यो 2020 पैरालंपिक के लिए कड़ी तैयारी की, और उनका सपना हकीकत बन गया जब उन्होंने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग SH1 में भारत के लिए पहला स्वर्ण पदक जीता।
एक प्रेरणा और भूमिका मॉडलअवनि की उपलब्धि न केवल भारतीय खेलों के लिए, बल्कि सभी भारतीयों के लिए एक बड़ी जीत थी। उन्होंने साबित किया है कि विकलांगता बाधा नहीं हो सकती है, और दृढ़ संकल्प और प्रयास से कुछ भी हासिल किया जा सकता है। वह लाखों युवा भारतीयों के लिए एक प्रेरणा और भूमिका मॉडल बन गई हैं, जो उन्हें अपने लक्ष्यों का पीछा करने और बाधाओं का सामना करने के लिए प्रेरित करती हैं।
अवनि की कहानी साहस, दृढ़ संकल्प और विजय की कहानी है। यह सभी भारतीयों को गर्व और प्रेरणा देता है, और हमें सभी को समानता और समावेशन को बढ़ावा देने के लिए अपने प्रयास जारी रखने के लिए प्रेरित करता है।