आइये जानते हैं राम मंदिर का इतिहास




क्या आप जानते हैं कि राम मंदिर का इतिहास 15वीं शताब्दी से शुरू होता है, जब अयोध्या के मुस्लिम शासक मीर बाकी ने राम जन्मभूमि पर बाबरी मस्जिद का निर्माण करवाया था। तब से, हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच मंदिर के स्वामित्व को लेकर विवाद चल रहा है।
1992 में, कार सेवकों की भीड़ ने बाबरी मस्जिद को गिरा दिया, जिससे बड़े पैमाने पर दंगे भड़क उठे। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया, जिसमें हिंदुओं को विवादित भूमि सौंप दी गई।
फ़िलहाल राम मंदिर का निर्माण चल रहा है और यह 2024 तक बनकर तैयार हो जाएगा। यह मंदिर भव्य और विशाल होगा, जिसमें भगवान राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान की मूर्तियाँ स्थापित की जाएंगी।
राम मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं है, बल्कि भारतीय इतिहास और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण प्रतीक भी है। यह भारत की राष्ट्रीय एकता और विरासत का प्रमाण है।
इसके अलावा, राम मंदिर का निर्माण भारत की धार्मिक स्वतंत्रता और न्यायपालिका की शक्ति का प्रतीक है। यह उन लाखों हिंदुओं की आस्था की विजय है जो सदियों से अपने पवित्र स्थल के लिए संघर्ष कर रहे थे।
इसलिए, राम मंदिर का इतिहास केवल एक इमारत का इतिहास नहीं है, बल्कि सदियों पुराने विवाद का इतिहास भी है। यह धार्मिक स्वतंत्रता, राष्ट्रीय एकता और न्यायपालिका की शक्ति का प्रतीक है।