आईसी 814 कंधार हाईजैक




एक दिल दहलाने वाली घटना जिसने राष्ट्र को झकझोर कर रख दिया

24 दिसंबर, 1999 की रात भारत के इतिहास में एक काला अध्याय के तौर पर दर्ज हो गई, जब इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट आईसी 814 को पांच आतंकवादियों ने अपहरण कर लिया। यह विमान दिल्ली से अमृतसर जा रहा था, जिसमें 176 यात्री और 15 चालक दल के सदस्य सवार थे।

एक खौफनाक अनुभव

जैसा कि विमान अमृतसर के ऊपर से उड़ रहा था, आतंकवादी कॉकपिट में घुस गए और पायलटों पर कब्जा कर लिया। उन्होंने विमान को अमृतसर से लाहौर और फिर कंधार, अफगानिस्तान ले गए। यात्रियों को अगले सात दिनों तक बंधक बनाकर रखा गया, जबकि आतंकवादी भारत सरकार से अपने साथियों की रिहाई और 200 मिलियन डॉलर की फिरौती की मांग कर रहे थे।

हिम्मत और लचीलापन

बंधक स्थिति के दौरान, यात्रियों और चालक दल ने असाधारण साहस और लचीलापन दिखाया। उन्होंने भयावह परिस्थितियों के सामने भी एकजुटता बनाए रखी और आतंकवादियों के सामने झुकने से इनकार कर दिया।

एक राष्ट्र एक साथ आया

अपहरण ने पूरे भारत को झकझोर कर रख दिया। देश भर में लोग यात्रियों की सुरक्षित वापसी के लिए प्रार्थना कर रहे थे। सरकार ने आतंकवादियों की मांगों के आगे झुकने से इनकार कर दिया, और स्थिति को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए काम किया।

एक दुखद अंत

31 दिसंबर, 1999 को, भारतीय सरकार ने अफगानिस्तान के साथ एक समझौता किया और आतंकवादियों की रिहाई को सुरक्षित करने के लिए तीन आतंकवादियों को रिहा कर दिया। हालांकि, दुखद रूप से, एक यात्री, रिचर्ड लोकेनबर्ग, आतंकवादियों द्वारा मार डाला गया था।

नायकों का स्वागत

अपने सात दिनों के बंधकत्व से मुक्त होने के बाद, यात्रियों और चालक दल का दिल्ली में नायकों के रूप में स्वागत किया गया। उन्हें सरकार और जनता दोनों ने उनकी हिम्मत और लचीलेपन के लिए सम्मानित किया।

एक सबक सीखा

आईसी 814 हाईजैक भारतीय उड्डयन के इतिहास में एक दुखद घटना थी, लेकिन इसने हमें आतंकवाद के खतरों और इसे रोकने की जरूरत के बारे में भी मूल्यवान सबक सिखाया। यात्रियों और चालक दल की हिम्मत ने हमें दिखाया कि भय और प्रतिकूलता के सामने भी मानव आत्मा की शक्ति क्या हो सकती है।

आज, आईसी 814 हाईजैक के शहीदों को याद करते हुए, हम आतंकवाद के खिलाफ अपने संकल्प को नवीनीकृत करते हैं और एक ऐसे समाज के निर्माण के लिए काम करते हैं जहां सभी सुरक्षित और सुरक्षित महसूस कर सकें।