आखिरकार नताशा डिडे का ज़्यादा कैदी नहीं रहा है!




इस दिल दहला देने वाली खबर ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है.
नताशा डिडे, वो कुख्यात कैदी जिस पर कई हत्याओं और अपहरण का आरोप था, अब नहीं रही. उसने अपनी सज़ा पूरी करने से कुछ दिन पहले ही जेल में दम तोड़ दिया.
नताशा का अतीत
नताशा का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था. बचपन से ही वो बहुत विद्रोही थी और अक्सर कानून तोड़ती थी. जैसे-जैसे वो बड़ी हुई, उसके अपराध भी और गंभीर होते गए.
1995 में, नताशा को अपने पति की हत्या के लिए गिरफ्तार किया गया था. हत्या का मकसद उसके पति का एक और औरत से अफेयर था. इसके बाद भी नताशा डिडे का अपराध करियर नहीं रुका.
वो कई अन्य अपराधों में भी शामिल थी, जिसमें अपहरण, चोरी और नशीली दवाओं की तस्करी शामिल थी. आखिरकार, 2005 में उसे गिरफ्तार कर लिया गया और आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई.
जेल में नताशा
जेल में, नताशा एक मॉडल कैदी नहीं थी. वो अक्सर नियम तोड़ती थी और अन्य कैदियों से भिड़ती थी. लेकिन, जैसा कि समय बीतता गया, ऐसा लग रहा था कि वो बदल रही है.
वो जेल में किताबें पढ़ती थी, योगा करती थी और अन्य कैदियों की मदद करती थी. कुछ लोगों का मानना था कि वो अंततः अपने अतीत की गलतियों के लिए पछता रही है.
उसकी मौत
नताशा की मौत अनपेक्षित थी. वो जेल में एक नियमित जांच के दौरान अचानक बेहोश हो गई. उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां उसकी मौत हो गई.

अभी भी नताशा की मौत के कारणों का पता नहीं चला है, लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि शायद ये उसके पिछले अपराधों का नतीजा हो. उनकी दलील है कि जेल में उसके साथ जो कुछ भी हुआ, उसे वो सहन नहीं कर पाई और अंततः उसके शरीर ने हार मान ली.

नताशा की विरासत

नताशा डिडे की मौत ने कई सवाल उठाए हैं.

क्या वो वास्तव में बदल गई थी? क्या उसे रिहा किया जाना चाहिए था? क्या जेल प्रणाली में सुधार की जरूरत है?
ये ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब आसान नहीं है. लेकिन, नताशा की कहानी हमें मानव स्वभाव की जटिलताओं के बारे में सोचने पर मजबूर करती है.
क्या कोई भी व्यक्ति वास्तव में इतना बुरा हो सकता है कि उसे छुड़ाया न जा सके? क्या कोई भी अपराध क्षमा करने योग्य है?
नताशा डिडे की मौत एक त्रासदी है. लेकिन, उनकी कहानी हमें उन लोगों के बारे में सोचने पर मजबूर करती है जो अपराध करते हैं और जो लोग उनसे पीड़ित होते हैं.