आखिर क्या है नवरात्रि का पांचवां दिन जिसमें होती है विशेष पूजा
नवरात्रि का पांचवां दिन बहुत ही खास माना जाता है। इस दिन मां दुर्गा के पांचवें स्वरूप मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है। मां स्कंदमाता को भगवान कार्तिकेय की मां के रूप में जाना जाता है। इस बार नवरात्रि का पांचवां दिन 1 अक्टूबर, शनिवार को पड़ रहा है।
मां स्कंदमाता की पूजा में किस रंग का प्रयोग किया जाता है?
* वाहन: सिंह
* हथियार: कमल का फूल
* रंग: नीला
कैसे करें मां स्कंदमाता की पूजा?
मां स्कंदमाता की पूजा के लिए आपको चाहिए:
* मां स्कंदमाता की मूर्ति या तस्वीर
* लाल फूल
* गुलाब जल
* दूध
* दही
* घी
* शहद
* चीनी
* नारियल पानी
* सुपारी
* पान
* लौंग
* इलायची
* दालचीनी का टुकड़ा
* कमल का फूल या कमल गट्टा
* केला
* अखरोट
* बादाम
* मिश्री
* पंचामृत
पूजा विधि:
1. सबसे पहले स्नान करके साफ कपड़े पहनें।
2. पूजा स्थान की सफाई करें और उस जगह को गंगाजल से शुद्ध करें।
3. मां दुर्गा के पांचवें स्वरूप मां स्कंदमाता की मूर्ति या तस्वीर को पूजा स्थान पर स्थापित करें।
4. मां स्कंदमाता को लाल फूल अर्पित करें और गुलाब जल छिड़कें।
5. मां स्कंदमाता को दूध, दही, घी, शहद, चीनी, नारियल पानी, सुपारी, पान, लौंग, इलायची और दालचीनी का टुकड़ा अर्पित करें।
6. मां स्कंदमाता को कमल का फूल या कमल गट्टा अर्पित करें।
7. मां स्कंदमाता को केला, अखरोट, बादाम, मिश्री और पंचामृत अर्पित करें।
8. मां स्कंदमाता के सामने घी का दीया जलाएं और कपूर जलाएं।
9. मां स्कंदमाता की आरती उतारें।
10. मां स्कंदमाता से अपने परिवार की सुख-समृद्धि और मंगल कामना करें।
मां स्कंदमाता की पूजा का महत्व:
मां स्कंदमाता की पूजा से भक्तों को निम्नलिखित लाभ मिलते हैं:
* भक्तों को भय और शंकाओं से मुक्ति मिलती है।
* भक्तों को जीवन में सफलता और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
* भक्तों को सभी प्रकार के रोगों और बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
* भक्तों को आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति होती है।
* भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।