आजादी के नायक: नंबी नारायणन




भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान में नंबी नारायणन एक ऐसे हीरे की तरह चमके, जिन्होंने अपने देश के लिए कुछ भी कर गुजरने की ठानी थी। उनका जीवन संघर्षों, विफलताओं और जीत की गाथा है, जो हर भारतीय के लिए प्रेरणादायक है।

एक सपने का जन्म

12 दिसंबर, 1941 को तमिलनाडु के नागरकोविल में पैदा हुए नंबी नारायणन बचपन से ही अंतरिक्ष की दुनिया में खोए रहते थे। उनका सपना था कि वह भारत को अंतरिक्ष में आगे ले जाएँ। इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद, उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में शामिल होने का सपना देखा।

इसरो में सफलता

1967 में, नंबी नारायणन का इसरो में चयन हुआ। यहीं से उनकी सफलता की गाथा शुरू हुई। वह रॉकेट प्रणोदन प्रणालियों के विकास में माहिर हो गए। उनके नेतृत्व में, इसरो ने कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा किया, जिनमें PSLV (ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान) और GSLV (भूस्थानिक उपग्रह प्रक्षेपण यान) का विकास शामिल था।

विश्वासघात और संघर्ष

नंबी नारायणन की सफलता और प्रतिष्ठा कुछ लोगों के लिए खटकने लगी। 1994 में, उन्हें झूठे आरोपों में फँसाया गया और गिरफ्तार कर लिया गया। उन पर जासूसी करने और विदेशी खुफिया एजेंसियों को रहस्य उजागर करने का आरोप लगाया गया। यह नंबी नारायणन के जीवन का सबसे कठिन समय था। उन्हें जेल में यातना दी गई और अपमानित किया गया।

विजय और पुनर्वास

नंबी नारायणन की मासूमियत पर भरोसा रखते हुए, उनके सहकर्मियों और वकीलों ने उनके लिए लड़ना जारी रखा। नौ साल के लंबे कानूनी संघर्ष के बाद, 1998 में उन्हें बरी कर दिया गया। उन्हें सेवा में वापस लाया गया और इसरो में उनकी प्रतिष्ठा बहाल की गई।

एक प्रेरणादायक विरासत

नंबी नारायणन की कहानी हर किसी को यह याद दिलाती है कि सच्चाई हमेशा जीतती है। उन्होंने असंभव को भी संभव करके दिखाया। उनके काम ने भारत को अंतरिक्ष अनुसंधान में एक अग्रणी देश बनने में मदद की।

  • नंबी नारायणन के बारे में एक वृत्तचित्र "रॉकेट्री: द नंबी इफ़ेक्ट" हाल ही में रिलीज़ हुई है, जिसमें उनकी जीवन यात्रा को बड़े पर्दे पर दर्शाया गया है।

नंबी नारायणन की कहानी आज भी हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है। यह हमें साहस, दृढ़ता और न्याय के महत्व की याद दिलाती है। यह हमें यह भी दिखाती है कि भारत में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, और अगर हम अपने सपनों का पीछा करें और बाधाओं का सामना करें, तो कुछ भी असंभव नहीं है।