ज़िंदगी एक किताब है, और आज़माइशें उसके वो पन्ने हैं, जिन पर लिखी होती है जिंदगी की कहानी। अगर इन पन्नों को आप सावधानी से ना पलटें, तो ज़िंदगी का असली मज़ा आप नहीं ले सकते। आज़माइशें ही हमें तपाती हैं, मजबूत बनाती हैं, और हमें अपने अंदर की छिपी हुई क्षमताओं से रूबरू कराती हैं।
यह बात तो हम सभी जानते हैं कि ज़िंदगी में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। कभी हम ऊंचाई पर होते हैं, तो कभी गहराई में। लेकिन इन उतार-चढ़ाव से घबराना नहीं चाहिए। इनसे हमें सीखना चाहिए, और अपनी ज़िंदगी को बेहतर बनाने के लिए इनका इस्तेमाल करना चाहिए।
जब हम किसी मुश्किल से गुज़रते हैं, तो हमें लगता है कि मानो ज़िंदगी हम पर बहुत भारी हो गई है। लेकिन यही मुश्किलें हमें मजबूत बनाती हैं। आज़माइशों में से गुज़रने के बाद ही हम समझ पाते हैं कि हमारी असली ताकत क्या है।
ज़िंदगी में आगे बढ़ने के लिए जरूरी है कि हम बीती हुई बातों को भूल जाएं। अगर हम अपने अतीत में उलझे रहेंगे, तो हम अपने वर्तमान और भविष्य को खराब कर लेंगे। इसलिए ज़रूरी है कि हम अपने अतीत से सीखें, और उसे पीछे छोड़कर आगे बढ़ें।
ज़िंदगी में सफल होने के लिए सबसे ज़रूरी है कि हमारा मन मजबूत हो। अगर हमारा मन मजबूत होगा, तो हम किसी भी मुश्किल का सामना कर सकते हैं। लेकिन अगर हमारा मन कमज़ोर होगा, तो हम किसी भी छोटी सी मुश्किल से हार मान जाएंगे। इसलिए ज़रूरी है कि हम अपने मन को मजबूत बनाएं, और कभी भी किसी मुश्किल से ना घबराएं।
ज़िंदगी में चाहे कुछ भी हो, हमें यह समझना चाहिए कि यह हमारे भले के लिए ही हो रहा है। भले ही उस समय हमें यह समझ ना आए, लेकिन बाद में हमें पता चल जाता है कि उस मुश्किल का हमारे जीवन में क्या महत्व था। इसलिए ज़रूरी है कि हम ज़िंदगी में होने वाली हर मुश्किल को खुले दिल से स्वीकार करें, और उससे सीखने की कोशिश करें।
ज़िंदगी एक सफर है, जिसमें उतार-चढ़ाव आते ही रहते हैं। लेकिन अगर हम इन उतार-चढ़ाव को हिम्मत से पार करते हैं, तो हम एक बेहतर इंसान बनते हैं। इसलिए ज़रूरी है कि हम आज़माइशों से ना घबराएं, बल्कि उनका सामना करें और उनसे सीखें। यही सफलता की असली कुंजी है।