आप इस दुनिया में अकेले नहीं हैं!




आपकी दुनिया सिर्फ आपकी नहीं है, आपसे जुड़ी इस विशाल दुनिया में और भी बहुत कुछ है।
आपने कभी सोचा है कि आपकी अपनी दुनिया से बाहर एक और दुनिया है? एक ऐसी दुनिया जहां आप अकेले नहीं हैं, जहां आपके आसपास भी लोग हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि ये मैं क्या कह रही हूं? हम सब तो अकेले ही तो हैं। लेकिन ऐसा नहीं है।
क्या आपने कभी सोचा है कि आपके अलावा भी लोग हैं जो आप की तरह ही जी रहे हैं? उनकी भी अपनी दुनिया है, अपने सपने हैं, अपनी चुनौतियां हैं। हो सकता है कि वे आप से बहुत अलग हों, हो सकता है कि वे आप से बिल्कुल अलग तरीके से जीते हों, लेकिन क्या आपको नहीं लगता कि कहीं न कहीं उनकी और आपकी दुनिया मिलती जरूर है?
आप जो रोज खाते हैं, क्या आपने कभी सोचा है कि वो खाना कहां से आता है? आपके घर का रास्ता, क्या आपने कभी सोचा है कि उसे किसने बनाया होगा? आपकी कार, क्या आपने कभी सोचा है कि इसे किसने बनाया होगा? आपके कपड़े, क्या आपने कभी सोचा है कि उन्हें किसने बनाया होगा?
ये सब चीजें तो किसी ने न किसी ने तो बनाई होंगी। तो क्या आप ये मानते हैं कि वो लोग भी आपके ही जैसे नहीं हैं? क्या आपको नहीं लगता कि उनकी भी अपनी एक दुनिया है? क्या आपको नहीं लगता कि उनकी भी अपनी चुनौतियां हैं?
क्या आपने कभी सोचा है कि आपके अलावा भी लोग हैं जो आपकी तरह ही सोचते हैं? उनकी भी अपनी राय है, उनके भी अपने सपने हैं, उनकी भी अपनी महत्वाकांक्षाएं हैं। हो सकता है कि उनकी राय आप से बहुत अलग हो, हो सकता है कि उनकी महत्वाकांक्षाएं आप से बिल्कुल अलग हों, लेकिन क्या आपको नहीं लगता कि कहीं न कहीं उनकी और आपकी दुनिया मिलती जरूर है?
आप जो रोज सुनते हैं, क्या आपने कभी सोचा है कि वो गाना किसने गाया होगा? आप जो रोज देखते हैं, क्या आपने कभी सोचा है कि वो फिल्म किसने बनाई होगी? आप जो रोज पढ़ते हैं, क्या आपने कभी सोचा है कि वो किताब किसने लिखी होगी?
ये सब चीजें तो किसी ने न किसी ने तो बनाई होंगी। तो क्या आप ये मानते हैं कि वो लोग भी आपके ही जैसे नहीं हैं? क्या आपको नहीं लगता कि उनकी भी अपनी एक दुनिया है? क्या आपको नहीं लगता कि उनकी भी अपनी चुनौतियां हैं?
क्या आपने कभी सोचा है कि आपके अलावा भी लोग हैं जो आपकी तरह ही महसूस करते हैं? उनकी भी अपनी भावनाएं हैं, उनके भी अपने दर्द हैं, उनके भी अपने सुख हैं। हो सकता है कि उनकी भावनाएं आप से बहुत अलग हों, हो सकता है कि उनके दर्द आप से बिल्कुल अलग हों, लेकिन क्या आपको नहीं लगता कि कहीं न कहीं उनकी और आपकी दुनिया मिलती जरूर है?
आप जो रोज देखते हैं, क्या आपने कभी सोचा है कि वो इंसान कौन है? आप जो रोज मिलते हैं, क्या आपने कभी सोचा है कि वो दोस्त कौन है? आप जो रोज प्यार करते हैं, क्या आपने कभी सोचा है कि वो परिवार कौन है?
ये सब लोग तो किसी न किसी से तो जुड़े होंगे। तो क्या आप ये मानते हैं कि वो लोग भी आपके ही जैसे नहीं हैं? क्या आपको नहीं लगता कि उनकी भी अपनी एक दुनिया है? क्या आपको नहीं लगता कि उनकी भी अपनी चुनौतियां हैं?
तो फिर क्यों हम सोचते हैं कि हम अकेले हैं? क्यों हम सोचते हैं कि सिर्फ हमारी ही दुनिया है? क्यों हम सोचते हैं कि सिर्फ हमारी ही समस्याएं हैं?
क्या आपको नहीं लगता कि हम सभी एक साथ जुड़े हुए हैं? क्या आपको नहीं लगता कि हम सभी की अपनी एक दुनिया है? क्या आपको नहीं लगता कि हम सभी की अपनी अपनी चुनौतियां हैं?
तो फिर आइए मिलकर इस दुनिया को एक बेहतर जगह बनाएं। आइए मिलकर इस दुनिया को एक ऐसी जगह बनाएं जहां हर कोई खुश हो, हर कोई स्वस्थ हो, हर कोई समृद्ध हो।
आइए मिलकर इस दुनिया को एक ऐसी जगह बनाएं जहां हर कोई जुड़ा हुआ हो। आइए मिलकर इस दुनिया को एक ऐसी जगह बनाएं जहां हर कोई सुरक्षित हो, हर कोई सम्मानित हो, हर कोई प्यार किया जाए।
आइए मिलकर इस दुनिया को एक ऐसी जगह बनाएं जहां हर कोई एक हो। आइए मिलकर इस दुनिया को एक ऐसी जगह बनाएं जहां हर कोई खुश हो, हर कोई स्वस्थ हो, हर कोई समृद्ध हो।
आइए मिलकर इस दुनिया को एक ऐसी जगह बनाएं जहां हर कोई जुड़ा हुआ हो। आइए मिलकर इस दुनिया को एक ऐसी जगह बनाएं जहां हर कोई सुरक्षित हो, हर कोई सम्मानित हो, हर कोई प्यार किया जाए।
आइए मिलकर इस दुनिया को एक ऐसी जगह बनाएं जहां हर कोई एक हो।