आप सभी को जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई!





आज पूरा देश भगवान कृष्ण के जन्म का पर्व मना रहा है। यह पर्व कृष्ण भक्तों के लिए बेहद खास होता है। देशभर के मंदिरों में भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। मथुरा और वृंदावन में तो जन्माष्टमी का उत्सव और भी धूमधाम से मनाया जाता है।


भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस बार जन्माष्टमी 30 अगस्त 2024, शनिवार को मनाई जा रही है। मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म कंस को मारने के लिए हुआ था। कंस कृष्ण का मामा था। वह एक क्रूर राजा था। उसने अपनी बहन देवकी और उसके पति वसुदेव को जेल में डाल दिया था। क्योंकि उसे भविष्यवाणी मिली थी कि देवकी का आठवां पुत्र उसका वध करेगा।


जब भगवान कृष्ण का जन्म हुआ तो वसुदेव उन्हें जेल से निकालकर गोकुल में नंद बाबा के घर छोड़ आए। नंद बाबा कृष्ण के मामा थे। उन्होंने कृष्ण का पालन-पोषण किया। कृष्ण बचपन से ही बहुत शरारती थे। वह अपने साथियों के साथ गाय चराते थे और माखन चुराते थे।


बड़े होकर कृष्ण ने कंस का वध किया और मथुरा को उसके अत्याचार से मुक्त कराया। कृष्ण एक महान योद्धा थे। उन्होंने महाभारत के युद्ध में पांडवों की मदद की थी। कृष्ण को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। वह सत्य, धर्म और प्रेम के प्रतीक हैं।

जन्माष्टमी पर विशेष आयोजन

  • मथुरा और वृंदावन में जन्माष्टमी का उत्सव सबसे धूमधाम से मनाया जाता है।

  • इस दिन मंदिरों में भगवान कृष्ण की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।

  • रात में भगवान कृष्ण के जन्म का उत्सव मनाया जाता है।
  • लोग अपने घरों में भी जन्माष्टमी का उत्सव मनाते हैं।
  • इस दिन लोग व्रत रखते हैं और भजन-कीर्तन करते हैं।
जन्माष्टमी का महत्व

जन्माष्टमी का पर्व भगवान कृष्ण के जन्म का उत्सव ही नहीं है, बल्कि यह बुराई पर अच्छाई की जीत का भी प्रतीक है।

इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा करने से भक्तों को सत्य, धर्म और प्रेम का मार्ग प्राप्त होता है।

जन्माष्टमी का पर्व हमें यह भी सिखाता है कि किसी भी विपत्ति में भी हमें हार नहीं माननी चाहिए। हमें हमेशा सत्य और धर्म के मार्ग पर चलना चाहिए।

जन्माष्टमी की शुभकामनाएं

आप सभी को जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं।

भगवान कृष्ण आप सभी के जीवन में खुशियां और समृद्धि लाएं।

जय श्री कृष्ण!