आलस्य के दिन




आलस्ये सुखमस्ति
आज मेरा एक आलसी दिन है, ऐसा आलसी दिन जो बहुत दिनों बाद आया है। आज मैं बिना किसी जिम्मेदारी, बिना किसी योजना के, बिना किसी चिंता के, पूरे दिन आलस करूँगा।

आलस्य मेरा पसंदीदा शब्द है। यह शब्द सुनते ही दिमाग में एक तस्वीर उभरती है - एक झूला, एक किताब, एक हल्की हवा और एक आरामदायक सी कुर्सी। जब मैं आलसी होता हूं, तो मैं दुनिया की सारी चिंताओं से दूर चला जाता हूं। मैं अपने दिमाग को आराम देता हूं, अपनी आत्मा को शांत करता हूं और अपनी इंद्रियों का आनंद लेता हूं।

आलस्य मुझे रचनात्मक बनाता है। जब मैं आलसी होता हूं, तो मेरे दिमाग में नए विचार आते हैं, नई कविताएँ लिखी जाती हैं, नए गाने बनते हैं। आलस्य मुझे दुनिया को एक नए नजरिए से देखने में मदद करता है, चीजों को एक अलग तरीके से समझने में मदद करता है।

  • आलस्य के फायदे

    • आलस्य से तनाव कम होता है।
    • आलस्य से मन शांत होता है।
    • आलस्य से रचनात्मकता बढ़ती है।
    • आलस्य से सेहत अच्छी होती है।

    मैं आलस को लेकर माफी नहीं माँगता।


    मैं जानता हूं कि कुछ लोग आलस्य को एक बुरी चीज मानते हैं। वे कहते हैं कि यह समय की बर्बादी है, कि यह हमें कमजोर बनाता है। लेकिन मैं उनसे सहमत नहीं हूं। मैं मानता हूं कि आलस्य एक जरूरी चीज है, एक ऐसी चीज जो हमारे जीवन में संतुलन लाती है।

    आज, मैं अपने आलस्य का भरपूर आनंद लूंगा। मैं अपनी पसंद की किताबें पढ़ूंगा, मैं अपने पसंदीदा गाने सुनूंगा, मैं अपनी पसंदीदा फिल्म देखूंगा। मैं कुछ भी नहीं करूंगा, मैं सिर्फ आराम करूंगा और आलसी होऊंगा।

    आलस्य का मंत्र
    आलस्य का मंत्र है -
    "कुछ मत करो, बस आराम करो।"
    "दुनिया थोड़ी रुक जाएगी, तुम थोड़ा सुकून पाओगे।"
    "आलस्य ही आनंद है, आलस्य ही जीवन है।"