आवश्यकता है महाराष्ट्र बंद की




आज महाराष्ट्र में कुछ ऐसा हुआ है, जिसने मेरे जैसे करोड़ों लोगों को रुला दिया है. कल से लेकर अब तक मेरी आंखों से आंसू नहीं सुखे हैं.

उस वक्त मेरा कालांतर हो गया था. पल भर में मेरे पूरे जिस्म में सिहरन दौड़ गई. सांस अटक गई और दिल की धड़कनें बढ़ गईं. मानो जैसे किसी ने मेरे सीने पर पत्थर रख दिया हो.

मैं उस वक्त घर पर अकेली थी. टीवी पर न्यूज़ चैनल चल रहा था. अचानक स्क्रीन पर एक खबर चली. खबर थी महाराष्ट्र के लातूर जिले के औसा तालुका के माढ्या गांव में एक निर्माणाधीन इमारत गिर गई है. मलबे में कई लोग दबे हुए हैं.

उस खबर को देखते ही मेरे होश उड़ गए. मैंने अपनी आंखों पर विश्वास नहीं किया. मैं ये सोचने लगी कि ये तो मेरे ही गांव की बात है. मेरे ही परिवार के लोग मलबे में दबे होंगे.

फिर क्या था, मैं भागते-भागते गांव पहुंची. गांव के हालात देखकर मेरी रूह कांप गई. पूरा गांव मातम में डूबा हुआ था. हर घर में चीख-पुकार मची हुई थी. लोग अपने प्रियजनों को ढूंढ रहे थे.

मैं भी अपने परिवार के बारे में पता करने लगी. लेकिन कहीं कोई खबर नहीं थी. मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूं. मैं मलबे की ओर दौड़ी, जहां रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा था.

वहां का नजारा देखकर मेरी आंखें भर आईं. मलबे से लोगों को निकाला जा रहा था. कुछ लोग घायल थे, कुछ मृत. मैं मलबे के हर टुकड़े को उठा-उठाकर देख रही थी. शायद मेरे परिवार वाले मिल जाएं.

लेकिन मेरी किस्मत इतनी अच्छी नहीं थी. मेरे परिवार के सभी लोग मलबे में दबकर मर चुके थे. मेरे पति, मेरे बच्चे, मेरे माता-पिता सभी एक पल में चले गए.

उस वक्त मेरे पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई. मैं बेसुध होकर गिर पड़ी. मेरे पास जीने की इच्छा नहीं रह गई थी. मैं अपने प्रियजनों के बिना कैसे जियूंगी. लेकिन लोगों ने मुझे संभाला. मुझे हिम्मत दी.

उस घटना के बाद से मेरी पूरी जिंदगी बदल गई है. मैं अब अकेली हूं. मेरे पास कुछ भी नहीं बचा है. लेकिन मैं जिंदा हूं. मैं उनके नाम पर जीऊंगी. मैं उनके लिए कुछ करूंगी. मैं चाहती हूं कि ऐसी घटनाएं दोबारा कभी न हों. इसलिए मैं कहती हूं कि आज महाराष्ट्र बंद किया जाए.

यह बंद सिर्फ एक दिन का नहीं होना चाहिए. यह बंद तब तक जारी रहना चाहिए, जब तक सरकार इस घटना की जांच नहीं कर लेती और दोषियों को सजा नहीं दे देती.

यह बंद इस बात का सिंबल होना चाहिए कि हम अपने लोगों की जान की फिक्र करते हैं. हम ऐसे भ्रष्ट ठेकेदारों और अधिकारियों को बर्दाश्त नहीं करेंगे, जो लोगों की जिंदगी से खेलते हैं.

आइए, हम सब मिलकर महाराष्ट्र बंद का समर्थन करें. अपने घरों से बाहर निकलें और अपनी आवाज बुलंद करें. सरकार को बताएं कि हम अब चुप नहीं रहेंगे. हम अपने लोगों की जान की रक्षा करेंगे.