इंजीनियर राशिद: एक कश्मीरी राजनीतिज्ञ जो अपनी बेबाक आवाज़ के लिए जाने जाते हैं




कश्मीर की राजनीति में इंजीनियर राशिद (Engineer Rashid) एक जाना-माना नाम है। लोकसभा सदस्य के रूप में, वह अपने बेबाक विचारों और कश्मीर के लोगों के अधिकारों के लिए आवाज उठाने के लिए जाने जाते हैं।
राशिद का जन्म 1967 में कश्मीर के लंगेट में एक किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की और कुछ समय तक इंजीनियर के रूप में काम किया। हालांकि, उन्हें जल्द ही एहसास हो गया कि उनका असली जुनून राजनीति है।
1996 में, राशिद ने जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) में शामिल होकर अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की। वह जल्द ही JKLF के शीर्ष नेताओं में से एक बन गए और कश्मीर की आज़ादी के लिए आवाज उठाना शुरू किया।
हालांकि, 2005 में JKLF पर पाकिस्तान के साथ संबंध होने का आरोप लगने के बाद राशिद ने पार्टी छोड़ दी। उन्होंने अपनी खुद की पार्टी, जम्मू और कश्मीर पीपुल्स फ्रंट (JKPF) का गठन किया।
राशिद जम्मू और कश्मीर में विवादों का एक ध्रुवीकरण करने वाला व्यक्ति रहे हैं। उन्हें एक कट्टरपंथी अलगाववादी और भारत विरोधी के रूप में देखा जाता है, जबकि अन्य उन्हें कश्मीर के लोगों के अधिकारों के लिए एक बहादुर चैंपियन के रूप में देखते हैं।
उनके बेबाक विचारों के कारण उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा है। 2016 में, उन्हें आतंकवाद से जुड़े आरोपों में गिरफ्तार किया गया था और करीब तीन साल तक जेल में रहे। हालाँकि, 2019 में उन्हें ज़मानत पर रिहा कर दिया गया।
जेल से रिहा होने के बाद, राशिद ने 2019 के लोकसभा चुनाव में बारामूला सीट से चुनाव लड़ा और बड़ी जीत हासिल की। उन्होंने जेल से ही अपना नामांकन दाखिल किया था।
लोकसभा में, राशिद कश्मीर के मुद्दों को मुखरता से उठाते रहे हैं। उन्होंने भारत सरकार से कश्मीर में मानवाधिकारों का उल्लंघन रोकने और कश्मीरियों की आवाज़ सुनने की मांग की है।
राशिद का मानना है कि कश्मीर का समाधान राजनीतिक होना चाहिए, न कि सैन्य। उन्होंने कश्मीरियों के साथ संवाद करने और उनकी आकांक्षाओं को समझने का आह्वान किया है।
कश्मीर के लोगों के लिए उनकी प्रतिबद्धता अटूट है। उन्होंने कहा है कि वह कश्मीर के लोगों की आज़ादी के लिए लड़ना जारी रखेंगे, भले ही उन्हें कितनी भी कीमत क्यों न चुकानी पड़े।
इंजीनियर राशिद एक जटिल और विवादास्पद व्यक्ति हैं। लेकिन वह निस्संदेह कश्मीरी राजनीति में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं। उनकी बेबाक आवाज़ और कश्मीरी लोगों के अधिकारों के लिए उनकी लड़ाई उन्हें एक ऐसी शख्सियत बनाती है जिस पर आने वाले वर्षों तक नजर रखी जाएगी।