इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेस की चमकती हुई सितारा: डॉ पूजा खेडकर




अगर आपसे पूछा जाए कि भारत की सबसे सम्मानित और प्रभावशाली नौकरियों में से एक कौन सी है, तो आपका तत्काल जवाब भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) होगा। IAS अधिकारी भारत सरकार के नागरिक सेवक हैं जिन्हें देश की प्रशासनिक मशीनरी को सुचारू रूप से चलाने का जिम्मा सौंपा गया है। ये प्रतिष्ठित अधिकारी विभिन्न क्षेत्रों और क्षमताओं में काम करते हैं, जिससे हमारे विशाल राष्ट्र की प्रगति और विकास सुनिश्चित होता है।
लेकिन इस विशिष्ट सेवा का हिस्सा बनने के लिए क्या होता है? क्या यह केवल चमकदार रैंक और वर्दी के बारे में है, या इसमें और भी बहुत कुछ है? आज हम इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेस की एक प्रेरणादायक महिला अधिकारी, डॉ पूजा खेडकर की यात्रा की खोज करेंगे। उनकी कहानी निश्चित रूप से आपको प्रेरित करेगी कि आप भी अपने सपनों को साकार कर सकते हैं, चाहे वे कितने भी बड़े क्यों न हों।
पृष्ठभूमि और प्रारंभिक जीवन
डॉ पूजा खेडकर का जन्म महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के बारशी तालुका में एक साधारण परिवार में हुआ था। उनके पिता एक किसान थे और उनकी माँ एक गृहिणी थीं। आर्थिक रूप से पिछड़े परिवार से होने के बावजूद पूजा ने हमेशा पढ़ाई में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। उन्होंने पुणे विश्वविद्यालय से प्राणीशास्त्र में स्नातक की डिग्री और मास्टर डिग्री प्राप्त की और फिर एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए गए।
चिकित्सा से प्रशासन की ओर
एक डॉक्टर बनने के बाद, पूजा ने सिविल सेवा परीक्षा में बैठने का फैसला किया। उनका मानना था कि इस तरह वह बड़े पैमाने पर लोगों की मदद कर सकेंगी। उन्होंने एक साल तक कड़ी मेहनत की और 2011 में पूरे भारत में 77 वीं रैंक हासिल करके परीक्षा पास की। उन्हें महाराष्ट्र कैडर आवंटित किया गया और उन्हें सहायक कलेक्टर के रूप में भंडारा जिले में तैनात किया गया।
भंडारा में योगदान
भंडारा में अपने कार्यकाल के दौरान, पूजा ने कई विकासात्मक पहल की शुरुआत की। उन्होंने जिले में पोषण और स्वास्थ्य देखभाल में सुधार के लिए काम किया, विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के लिए। उन्होंने किसानों के लिए आय बढ़ाने वाले कार्यक्रम भी शुरू किए और जिले में पर्यटन को बढ़ावा दिया। पूजा के अथक प्रयासों के लिए स्थानीय लोगों ने उनकी बहुत प्रशंसा की और उन्हें "लोगों की कलेक्टर" के रूप में जाना जाने लगा।
बड़े पैमाने पर प्रभाव
भंडारा में अपनी सफलता के बाद, पूजा को राज्य सरकार में विभिन्न पदों पर तैनात किया गया। उन्होंने महिला और बाल विकास विभाग, सामाजिक न्याय विभाग और आदिवासी विकास विभाग में बतौर सचिव के रूप में कार्य किया। इन भूमिकाओं में, उन्होंने पूरे महाराष्ट्र में महिलाओं, बच्चों और हाशिए के समुदायों के कल्याण के लिए काम किया।
पूजा का सबसे उल्लेखनीय योगदान महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में रहा है। उन्होंने राज्य भर में महिलाओं के लिए कौशल विकास कार्यक्रम शुरू किए और उन्हें आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाया। उन्होंने महिलाओं के खिलाफ हिंसा को रोकने और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए भी काम किया।
सम्मान और मान्यता
अपने असाधारण काम के लिए, पूजा को कई पुरस्कार और सम्मान मिले हैं। उन्हें 2019 में भारत सरकार द्वारा नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्हें लायंस क्लब इंटरनेशनल द्वारा "दुनिया की उत्कृष्ट महिला" के रूप में भी मान्यता दी गई थी।
प्रेरणा और विरासत
डॉ पूजा खेडकर एक सच्ची प्रेरणा हैं और सभी नौजवानों के लिए एक रोल मॉडल हैं। उन्होंने साबित किया है कि कड़ी मेहनत, दृढ़ संकल्प और समाज के प्रति प्रतिबद्धता से कुछ भी हासिल किया जा सकता है। उनकी विरासत आने वाले कई वर्षों तक महिला सशक्तिकरण और सामाजिक विकास के क्षेत्र में प्रेरणा देती रहेगी।