इंडिया पैरालंपिक 2024




भारत में पैरालंपिक खेलों का इतिहास काफी रोमांचक और प्रेरक रहा है। हमारे एथलीटों ने दुनिया भर के मंचों पर अपनी प्रतिभा और दृढ़ संकल्प दिखाया है, और हाल के वर्षों में, हमने इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति देखी है।

२०२४ पैरालंपिक पेरिस में आयोजित होने वाले हैं, और भारत पहले से ही इस ऐतिहासिक आयोजन के लिए तैयारियों में लगा हुआ है। हमारे एथलीट कड़ी मेहनत कर रहे हैं और सफलता हासिल करने के लिए दृढ़ हैं।

भारत के पैरालंपिक इतिहास

भारत ने पहली बार 1968 में पैरालंपिक खेलों में भाग लिया था। हमारे एथलीटों ने तब से लगातार इन खेलों में भाग लिया है, और हमने पदकों की एक महत्वपूर्ण संख्या जीती है।

  • 1968 में, करंज सिंह ने ऊंची कूद में स्वर्ण पदक जीता।
  • 1972 में, मुरलीकांत पेटकर ने भाला फेंक में स्वर्ण पदक जीता।
  • 1984 में, देवेंद्र झाझरिया ने भाला फेंक में स्वर्ण पदक जीता।
  • 2004 में, अंजली भागवत ने राइफल शूटिंग में स्वर्ण पदक जीता।
भारत की पैरालंपिक तैयारी

भारतीय पैरालंपिक समिति (PCI) वर्तमान में 2024 पैरालंपिक के लिए भारतीय टीम की तैयारी की देखरेख कर रही है। समिति एथलीटों को सर्वोत्तम प्रशिक्षण सुविधाएं और सहायता प्रदान कर रही है।

भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) भी भारतीय पैरालंपिक एथलीटों को प्रशिक्षण और विकास के लिए महत्वपूर्ण सहायता प्रदान कर रहा है।

भारत की उम्मीदें

भारत को 2024 पैरालंपिक में अपने एथलीटों से अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है। हमारे पास कई प्रतिभाशाली और अनुभवी एथलीट हैं जो पदक जीतने में सक्षम हैं।

कुछ एथलीट जिनसे उम्मीदें हैं उनमें शामिल हैं:

  • देवेंद्र झाझरिया, भाला फेंक
  • अंजली भागवत, राइफल शूटिंग
  • मारीयप्पन थंगावेलु, ऊंची कूद
  • दीपा मलिक, गोला फेंक
भारत के पैरालंपिक भविष्य

भारत का पैरालंपिक भविष्य उज्ज्वल दिखाई देता है। हमारे पास कई प्रतिभाशाली युवा एथलीट हैं जो भविष्य के लिए आशा की किरण हैं।

PCI और SAI पैरालंपिक खेलों को बढ़ावा देने और हमारे एथलीटों को सफलता हासिल करने में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

भारत के लिए 2024 पैरालंपिक एक शानदार आयोजन होने जा रहा है। हमारे एथलीट देश को गौरवान्वित करने और दुनिया को अपनी क्षमताओं को दिखाने के लिए तैयार हैं।