इस आइरनी पर गौर करें जो "द गिवर" में छिपी है





"द गिवर" लोइस लॉरी का एक प्रसिद्ध उपन्यास है जो एक काल्पनिक समाज के बारे में बताता है जहां सब कुछ सरकार द्वारा नियंत्रित होता है। इस समाज में, लोगों को उनकी भावनाओं और यादों से वंचित रखा जाता है।

कठोर नियमों की आड़ में स्वतंत्रता की तड़प

उपन्यास की आइरनी यह है कि यह समाज, जो सख्त नियमों से बंधा हुआ है, वास्तव में लोगों को उनकी स्वतंत्रता से वंचित करता है। सरकार द्वारा हर चीज को नियंत्रित करने के प्रयासों के बावजूद, पात्र अभी भी अपनी भावनाओं को दबाने और अपनी यादों को नष्ट करने के लिए तरसते हैं।

भावनाओं का अभाव और भावनाओं की खोज

इस समाज में, लोगों को अपनी भावनाओं को व्यक्त करने की अनुमति नहीं है। उन्हें दर्द, खुशी या प्रेम जैसी भावनाओं का अनुभव करने की अनुमति नहीं है। विडंबना यह है कि, इस कठोर नियम के बावजूद, पात्र फिर भी अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के तरीके ढूंढते हैं। वे एक-दूसरे के साथ गुप्त रूप से बातचीत करते हैं, ऐसे शब्दों का उपयोग करते हैं जो सरकार द्वारा निषिद्ध हैं, और सरल कृत्यों के माध्यम से अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं।

यादों की कमी और यादों की तलाश

इस समाज में, लोगों को अपने अतीत को याद रखने की अनुमति नहीं है। उन्हें अपनी यादों से वंचित रखा जाता है, ताकि वे सरकार के नियंत्रण का विरोध न करें। विडंबना यह है कि इस प्रयास के बावजूद, पात्र फिर भी अपनी यादों को पुनः प्राप्त करने के तरीके ढूंढते हैं। वे गुप्त रूप से एक-दूसरे से कहानियां साझा करते हैं, वस्तुओं को छुपाकर रखते हैं जो उन्हें अपने अतीत से जोड़ती हैं, और अपने मन में यादों को जीवित रखने के तरीके खोजते हैं।

"द गिवर" एक शक्तिशाली उपन्यास है जो स्वतंत्रता और सरकार के नियंत्रण के बीच की आइरनी की पड़ताल करता है। यह हमें याद दिलाता है कि भले ही समाज हमें अपनी भावनाओं और यादों से वंचित करने की कोशिश करे, फिर भी हम अपनी मानवता को खोने से इनकार कर सकते हैं।