अंतर्राष्ट्रीय राजनीति के इतिहास में इजरायल-ईरान संघर्ष एक विस्फोटक अध्याय है। तनाव की जड़ें कई दशकों पीछे जाती हैं, और हाल के वर्षों में, दोनों देशों के बीच तनाव का स्तर और बढ़ गया है।
इस युद्ध की एक अनूठी विशेषता यह है कि यह कभी भी औपचारिक रूप से घोषित नहीं किया गया था। इसके बजाय, यह गुप्त कार्रवाई, साइबर हमलों और सीमा पर झड़पों के एक क्रमिक वृद्धि के रूप में सामने आया है।
पिछले कुछ वर्षों में, इज़राइल और ईरान के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। दोनों देशों ने कई गुप्त कार्रवाई और साइबर हमले किए हैं।
2021 में, इज़राइल ने कथित रूप से ईरानी परमाणु सुविधाओं पर एक श्रृंखला में हवाई हमले किए। ईरान ने इज़राइली जहाजों पर साइबर हमलों का जवाब दिया।
2023 की शुरुआत में, इज़राइली सेना ने सीरिया में ईरान समर्थित मिलिशिया के ठिकानों पर हवाई हमले किए। ईरान ने चेतावनी दी है कि वह किसी भी हमले का कड़ा जवाब देगा।
इज़राइल-ईरान संघर्ष एक जटिल और खतरनाक स्थिति है। दोनों देशों के बीच तनाव का स्तर बहुत अधिक है, और यह स्पष्ट नहीं है कि इसे कैसे कम किया जा सकता है।
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह संघर्ष अंततः एक पूर्ण युद्ध में बदल सकता है। अन्य लोगों का तर्क है कि दोनों देश सावधानी और संयम का अभ्यास करेंगे और एक बड़े पैमाने पर संघर्ष से बचेंगे।
भविष्य क्या होगा, यह निश्चित रूप से कहना मुश्किल है। लेकिन यह स्पष्ट है कि इज़राइल-ईरान संघर्ष मध्य पूर्व के लिए एक गंभीर खतरा बना हुआ है।
मैं इस संघर्ष से बहुत चिंतित हूं। मुझे लगता है कि यह क्षेत्र और संपूर्ण विश्व के लिए एक गंभीर खतरा है। मैं आशा करता हूं कि दोनों देश शांतिपूर्ण समाधान खोजने के लिए कूटनीति का रास्ता अपनाएंगे।
इस संघर्ष को खत्म करने के लिए हम सभी एक भूमिका निभा सकते हैं। हम अपने नेताओं से मध्य पूर्व में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए दबाव डाल सकते हैं। हम अपने समुदायों में धार्मिक सहिष्णुता और आपसी समझ को बढ़ावा दे सकते हैं।
इसके अतिरिक्त, हम युद्ध और हिंसा के चक्र को समाप्त करने के लिए काम करने वाले संगठनों का समर्थन कर सकते हैं। छोटे कदम भी बड़ा बदलाव ला सकते हैं।