ईद-ए-मिलाद-उन-नबी 2024: इस्लाम के प्रचारक प्रिय नबी की जयंती




दि ग्रेट मुस्लिम फेस्टिवल ईद-ए-मिलाद-उन-नबी बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यह इस्लाम के संस्थापक और अंतिम पैगंबर हजरत मुहम्मद साहब के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाने वाला त्योहार है। हजरत मुहम्मद साहब का जन्म 570 ईस्वी में मक्का में हुआ था। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, ईद-ए-मिलाद हर साल रबी-उल-अव्वल महीने के 12वें दिन मनाया जाता है। माना जाता है कि इसी दिन पैगंबर हजरत मुहम्मद साहब का निधन भी हुआ था।

ईद-ए-मिलाद का इतिहास और महत्व

ईद-ए-मिलाद इतिहास और महत्वपूर्ण महत्व वाला पवित्र त्योहार है। यह उस दिन को चिह्नित करता है जब पैगंबर का जन्म हुआ था, जिसे दुनिया भर के मुसलमानों द्वारा आशीर्वाद और उत्सव का दिन माना जाता है। नबी के अनुयायी इस मौके को उनके उपदेशों और मानवीय मूल्यों को याद करके मनाते हैं। यह दिन न केवल मुसलमानों के लिए एक धार्मिक अवसर है, बल्कि भाईचारे, एकजुटता और शांति को बढ़ावा देने का भी एक अवसर है।

सजावट और उत्सव

ईद-ए-मिलाद रंग-बिरंगी सजावट और आनंदमय उत्सव के साथ मनाया जाता है। मस्जिदों और घरों को फूलों, लालटेन और रोशनी से सजाया जाता है। मुसलमान विशेष प्रार्थनाओं में भाग लेते हैं, जिन्हें नमाज़ कहा जाता है, और कुरान से छंदों का पाठ करते हैं। इस दिन लोग एक-दूसरे को गले लगाते हैं, शुभकामनाएं देते हैं और पारंपरिक व्यंजन और मिठाइयां साझा करते हैं।

भारत में ईद-ए-मिलाद

भारत एक बहुसांस्कृतिक और धर्मनिरपेक्ष देश है, और ईद-ए-मिलाद पूरे देश में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन, सभी सरकारी कार्यालय और शैक्षणिक संस्थान बंद रहते हैं। मुसलमान समुदाय सुबह की प्रार्थना के बाद रैलियों और जुलूसों का आयोजन करते हैं। इस पावन अवसर पर सामाजिक कार्यक्रमों और चैरिटी कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है।

दुनिया भर में ईद-ए-मिलाद

ईद-ए-मिलाद न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर के मुस्लिम बहुल देशों में मनाया जाता है। जैसे कि सऊदी अरब, मिस्र, पाकिस्तान, बांग्लादेश और इंडोनेशिया। प्रत्येक देश में इस त्योहार को मनाने की अपनी अनूठी परंपराएं और रीति-रिवाज होते हैं। हालांकि, एक आम धागा जो इन सभी देशों को एक साथ जोड़ता है वह है नबी के प्रति प्रेम, सम्मान और भक्ति की भावना। दुनिया भर में, ईद-ए-मिलाद भाईचारे, शांति और एकता का संदेश फैलाता है।