ईरान का राष्ट्रपति: एक शक्तिशाली नेता की भूमिका और जिम्मेदारियां
ईरान का राष्ट्रपति इस्लामी गणराज्य ईरान का प्रमुख होता है। वह सरकार का प्रमुख होता है और देश की नीतियों और विदेश मामलों का प्रभारी होता है। राष्ट्रपति की भूमिका और जिम्मेदारियाँ ईरानी संविधान द्वारा निर्धारित की जाती हैं।
राष्ट्रपति की भूमिका और जिम्मेदारियाँ:
- सरकार का प्रमुख
- देश की नीतियों और विदेश मामलों का प्रभारी
- मंत्रियों की नियुक्ति और बर्खास्तगी
- राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता
- इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता का परामर्श करना
- विदेशी नेताओं के साथ बैठकें करना
- अंतरराष्ट्रीय समझौतों पर हस्ताक्षर करना
राष्ट्रपति का चुनाव:
ईरान के राष्ट्रपति को हर चार साल में लोगों द्वारा प्रत्यक्ष वोट से चुना जाता है। राष्ट्रपति बनने के लिए उम्मीदवार को कम से कम 50% वोट प्राप्त करने होंगे। यदि किसी उम्मीदवार को कम से कम 50% वोट नहीं मिलते हैं, तो शीर्ष दो उम्मीदवारों के बीच दूसरा दौर होगा।
राष्ट्रपति की शक्तियां:
ईरान के राष्ट्रपति के पास व्यापक शक्तियाँ होती हैं, जिनमें शामिल हैं:
- मंत्रियों की नियुक्ति और बर्खास्तगी
- देश की नीतियों और विदेश मामलों पर अंतिम निर्णय लेना
- राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता करना
- इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता का परामर्श करना
- विदेशी नेताओं के साथ बैठकें करना
- अंतरराष्ट्रीय समझौतों पर हस्ताक्षर करना
राष्ट्रपति की सीमाएँ:
हालाँकि ईरान के राष्ट्रपति के पास व्यापक शक्तियाँ होती हैं, लेकिन वे इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता द्वारा सीमित हैं। सर्वोच्च नेता देश का सर्वोच्च राजनीतिक और धार्मिक अधिकारी होता है। सर्वोच्च नेता राष्ट्रपति को बर्खास्त कर सकता है, घरेलू और विदेश नीति पर वीटो कर सकता है और राज्य के प्रमुख राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों पर अंतिम निर्णय ले सकता है।
वर्तमान राष्ट्रपति:
ईरान के वर्तमान राष्ट्रपति सैयद इब्राहिम रईसी हैं। उनका चुनाव जून 2021 में हुआ था। रईसी ईरान के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं। वह एक कट्टरपंथी हैं और पश्चिम के आलोचक हैं।
चुनौतियाँ:
ईरानी राष्ट्रपति कई चुनौतियों का सामना करता है, जिनमें शामिल हैं:
- आर्थिक मंदी
- बेरोजगारी
- भ्रष्टाचार
- पश्चिम के साथ तनाव
- आतंकवाद
भविष्य:
ईरान का राष्ट्रपति एक शक्तिशाली व्यक्ति होता है जिसके पास देश के भविष्य को आकार देने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है। राष्ट्रपति को आर्थिक मंदी, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार जैसी चुनौतियों का सामना करना होगा। राष्ट्रपति को पश्चिम के साथ संबंधों को सुधारने और आतंकवाद को खत्म करने का भी काम करना होगा।