ईस्टर, ईसाई धर्म के सबसे पवित्र त्योहारों में से एक, यीशु मसीह के पुनरुत्थान का जश्न मनाता है। यह उत्सव दुनिया भर में ईसाइयों द्वारा बड़े उत्साह और हर्षोल्लास के साथ किया जाता है।
ईस्टर की कहानी
ईस्टर की कहानी गुड फ्राइडे को शुरू होती है, जिस दिन यीशु मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था। सुसमाचारों के अनुसार, जीसस को एक रोमन गवर्नर ने राजद्रोह के आरोप में मौत की सज़ा सुनाई थी। उसे क्रूस पर लटकाया गया था और अंत में, अपनी मृत्यु तक यातनाएँ दी गईं।
हालाँकि, ईस्टर की कहानी गुड फ्राइडे के साथ समाप्त नहीं होती है। सुसमाचारों के अनुसार, रविवार को ईस्टर की सुबह, जीसस के मकबरे की रखवाली करने वाले रोमन सैनिकों ने पाया कि मकबरा खाली था। तब एक स्वर्गदूत ने उन्हें बताया कि यीशु मृतकों में से जी उठे हैं।
ईस्टर यीशु के पुनरुत्थान का जश्न मनाता है, जो ईसाई धर्म का केंद्र बिंदु है। यह पुनर्जन्म, आशा और उद्धार का प्रतीक है। ईसाइयों का मानना है कि यीशु का पुनरुत्थान पाप और मृत्यु पर जीवन की जीत का प्रमाण है।
ईस्टर परंपराएँ
ईस्टर का संदेश
ईस्टर का संदेश आशा, प्रेम और क्षमा का संदेश है। यह हमें याद दिलाता है कि भले ही जीवन में चुनौतियाँ आती हों, लेकिन हमारी हमेशा आशा है। यीशु के पुनरुत्थान की कहानी हमें सिखाती है कि मृत्यु पर भी जीवन की जीत हो सकती है, और हमारे पापों को क्षमा किया जा सकता है।
ईस्टर एक ऐसा त्योहार है जो ईसाइयों के लिए ही नहीं, बल्कि सभी के लिए खुशी और उम्मीद लाता है। यह हमें नए जीवन, नए अवसरों और नए शुरुआतों का जश्न मनाने का मौका देता है।