उमा रमनन एक भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता, महिला अधिकार कार्यकर्ता और लेखिका हैं। वह दलित और आदिवासी महिलाओं के अधिकारों के लिए अपने काम के लिए जानी जाती हैं। वह "ओपन सिटीज" की सह-संस्थापक और निदेशक हैं, जो समाज के हाशिए पर रहने वाले लोगों के लिए काम करने वाला एक गैर-सरकारी संगठन है।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षाउमा रमनन का जन्म 1957 में तमिलनाडु, भारत में हुआ था। उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री और मैसाचुसेट्स एमहर्स्ट विश्वविद्यालय से समाजशास्त्र में मास्टर डिग्री प्राप्त की।
सामाजिक कार्यउमा रमनन ने अपने सामाजिक कार्य की शुरुआत दलित और आदिवासी महिलाओं के बीच काम करने से की थी। वह "ओपन सिटीज" की सह-संस्थापक और निदेशक हैं, जो समाज के हाशिए पर रहने वाले लोगों के लिए काम करने वाला एक गैर-सरकारी संगठन है। "ओपन सिटीज" महिलाओं के अधिकारों, दलितों के अधिकारों और आदिवासी अधिकारों के लिए काम करता है।
उमा रमनन ने दलित और आदिवासी महिलाओं के लिए कई परियोजनाएं शुरू की हैं, जिनमें महिलाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा और आर्थिक सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित किया गया है। उन्होंने महिलाओं के लिए सुरक्षित स्थान बनाने और उनके खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए भी काम किया है।
लेखन और पुरस्कारउमा रमनन ने दलित और आदिवासी महिलाओं के अधिकारों पर कई लेख और किताबें लिखी हैं। उनके काम की मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, विद्वानों और नीति निर्माताओं द्वारा प्रशंसा की गई है।
उमा रमनन को उनके काम के लिए कई पुरस्कार और सम्मान मिले हैं, जिनमें "नारी शक्ति पुरस्कार" (2019) और "पद्म श्री" (2020) शामिल हैं।
व्यक्तिगत जीवनउमा रमनन की शादी रंगनाथ कृष्णन से हुई है, जो एक मानवाधिकार कार्यकर्ता और लेखक हैं। उनके दो बच्चे हैं।
उमा रमनन की विरासतउमा रमनन दलित और आदिवासी महिलाओं के अधिकारों की अथक चैंपियन हैं। उनके काम ने समाज के हाशिए पर रहने वाले लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वह एक प्रेरणा हैं और उनकी विरासत आने वाले कई वर्षों तक जारी रहेगी।
एक कॉल टू एक्शनउमा रमनन का काम हमें दलितों और आदिवासियों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में जागरूक होने और उनके अधिकारों के लिए खड़े होने के लिए प्रेरित करता है। हम सभी को अपने समुदायों में न्याय और समानता सुनिश्चित करने के लिए काम करना चाहिए।