ऊपर




अक्सर हमारी ज़िंदगी "ऊपर" और "नीचे" की कहानी होती है। हम ऊपर उठते हैं, हम नीचे गिरते हैं। हम सफल होते हैं, हम असफल होते हैं। हम सुखी होते हैं, हम दुखी होते हैं।
जीवन में "ऊपर" का अनुभव करना एक अद्भुत एहसास है। यह ऐसा है जैसे आप दुनिया के ऊपर हैं, सब कुछ आपके नियंत्रण में है। आप शक्तिशाली महसूस करते हैं, आप अजेय महसूस करते हैं। जैसे आप कुछ भी हासिल कर सकते हैं।
लेकिन "ऊपर" रहना हमेशा आसान नहीं होता है। कभी-कभी हमें नीचे गिरना पड़ता है। यह एक कठिन अनुभव हो सकता है, खासकर यदि आप "नीचे" रहने के आदी नहीं हैं। लेकिन यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि "नीचे" केवल एक अस्थायी अवस्था है। यह एक ऐसा स्थान है जहां से हम सीख सकते हैं और बढ़ सकते हैं।
मैंने अपने जीवन में कई बार "ऊपर" और "नीचे" का अनुभव किया है। ऐसे समय थे जब मैं दुनिया के ऊपर महसूस करता था, जैसे मैं कुछ भी कर सकता था। लेकिन ऐसे समय भी थे जब मैं बहुत नीचे गिर गया था, जैसे मैं फिर कभी ऊपर नहीं उठ पाऊंगा।
लेकिन मैंने यह भी सीखा है कि "नीचे" से "ऊपर" तक का रास्ता हमेशा मौजूद होता है। यह आसान नहीं हो सकता है, लेकिन यह संभव है। जब आप "नीचे" हों, तो बस याद रखें कि आप अकेले नहीं हैं। ऐसे लोग हैं जो आपकी परवाह करते हैं और आपकी मदद करना चाहते हैं।
और सबसे महत्वपूर्ण बात, खुद पर विश्वास न खोना। जानिए कि आप मजबूत हैं, आप सक्षम हैं और आप कुछ भी हासिल कर सकते हैं। जब आप "नीचे" हों, तो बस ऊपर देखना याद रखें। क्योंकि वहीं वह जगह है जहां आपका असली घर है।
आपके जीवन में "ऊपर" और "नीचे" के समय क्या रहे हैं? आपने इन अनुभवों से क्या सीखा है? क्या आप कोई ऐसी सलाह साझा कर सकते हैं जिससे दूसरों को अपने "नीचे" के समय से निपटने में मदद मिल सके?