कृष्णा पक्ष की द्वादशी को एकादशी कहा जाता है। यह तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है. कहा जाता है कि इस दिन व्रत करने से विष्णु जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। 2024 में एकादशी अप्रैल में दो बार आएगी। पहली एकादशी 1 अप्रैल को पड़ेगी और दूसरी 16 अप्रैल को।
कथा के अनुसार, प्राचीन काल में महाराज मुचुकुंद अत्यंत धर्मात्मा थे और भगवान विष्णु के परम भक्त थे। एक बार राजा मुचुकुंद रात्रि में भगवान विष्णु के मंदिर गए। वहां उन्होंने देखा कि कुछ दैत्य मंदिर को लूट रहे हैं। राजा मुचुकुंद ने अपनी तलवार से दैत्यों का वध किया और मंदिर को बचाया।
भगवान विष्णु ने राजा मुचुकुंद को प्रसन्न होकर वरदान दिया। भगवान ने कहा कि जो भी व्यक्ति वसुभरा एकादशी का व्रत करेगा, उस पर विष्णु जी की विशेष कृपा होगी और वह संसार के सभी पापों से मुक्त हो जाएगा।
कामदा एकादशी की कथा:पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन काल में एक विष्णु भक्त राजा हुआ करते थे। उनका नाम कामदेव था। एक बार राजा कामदेव ने कामदेव एकादशी का व्रत किया। इस व्रत के प्रभाव से राजा कामदेव का विनय और तप तपस्या से भगवान विष्णु प्रसन्न हुए और उन्होंने राजा कामदेव को अमरता का वरदान दिया।
भक्तों को इस दिन पूरे दिन व्रत करना चाहिए। पानी और फलाहार का सेवन किया जा सकता है। रात को भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए।
एकादशी व्रत के लाभ:
• भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
• पापों का नाश होता है।
• मोक्ष की प्राप्ति होती है।
• दरिद्रता दूर होती है।
• रोगों से मुक्ति मिलती है।
• वसुभरा एकादशी (1 अप्रैल): निर्जला एकादशी
• कामदा एकादशी (16 अप्रैल): जया एकादशी
सभी भक्तजन इस शुभ दिन का लाभ उठाएं और एकादशी का व्रत करें।