एकदशी का महत्व और मई 2024 में एकादशी




हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष स्थान है। यह हर महीने में दो बार आने वाला एक पवित्र दिन है, जो भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित होता है। वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी कहा जाता है और इसे मई 2024 में 21 मई को मनाया जाएगा।


मोहिनी एकादशी का पौराणिक महत्व

पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश निकला था। देवताओं और असुरों के बीच अमृत के लिए युद्ध छिड़ गया। भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण किया और अपनी मनमोहक छवि से असुरों को विचलित कर दिया, जिससे देवताओं को अमृत प्राप्त करने का अवसर मिल गया। इस घटना की स्मृति में मोहिनी एकादशी का पर्व मनाया जाता है।


मोहिनी एकादशी के लाभ

  • पापों का प्रायश्चित: एकादशी का व्रत रखने से अनजाने में किए गए पापों का प्रायश्चित होता है।
  • मोक्ष की प्राप्ति: यह माना जाता है कि एकादशी का नियमित रूप से व्रत करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  • भगवान विष्णु की कृपा: भगवान विष्णु की पूजा करने से उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होते हैं।
  • सकारात्मकता का संचार: एकादशी के व्रत से शरीर और मन दोनों शुद्ध होते हैं, जिससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

  • मई 2024 में मोहिनी एकादशी का व्रत

    मई 2024 में मोहिनी एकादशी का व्रत 21 मई को रखा जाएगा। व्रत की तैयारी के लिए 20 मई को दशमी तिथि से निर्जला या सात्विक भोजन का सेवन किया जा सकता है। 21 मई को सूर्योदय से पहले स्नान करके भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। पूजा में तुलसी, कमल के फूल, फल और मिष्ठान का भोग लगाना चाहिए। दिनभर उपवास रखने के बाद शाम को फल, फलाहार या दूध का सेवन कर व्रत खोला जा सकता है।


    ध्यान रखने योग्य बातें

    • व्रत रखने से पहले स्वास्थ्य की जांच कर लेनी चाहिए।
    • व्रत के दौरान शरीर में पानी की कमी न होने दें।
    • व्रत के दौरान किसी भी प्रकार का तनाव या क्रोध से बचना चाहिए।
    • व्रत को भगवान विष्णु की भक्ति और आध्यात्मिक विकास के लिए एक अवसर के रूप में लें।

    निष्कर्ष

    मोहिनी एकादशी भगवान विष्णु की भक्ति और आध्यात्मिक शुद्धि के लिए एक महत्वपूर्ण पर्व है। मई 2024 में पड़ने वाली इस एकादशी पर व्रत रखने से मन को शांति और आत्मा को विकास प्राप्त होता है। भगवान विष्णु की कृपा और आशीर्वाद लेने के लिए इस पवित्र दिन को श्रद्धा और भक्तिभाव से मनाएं।