एग्जिट पोल




आपने यह मुहावरा तो सुना ही होगा कि "जनता जनार्दन है"। आम जनता के हाथ में ही देश की बागडोर होती है और देश का भविष्य आम जनता के हाथ में ही है। हर पांच साल में देश में लोकसभा चुनाव होता है और जनता अपने नुमाइंदे चुनती है। इसी साल देश में लोकसभा चुनाव होने जा रहे हैं और हर कोई जानना चाहता है कि इस बार सरकार किसकी बनेगी।

चुनाव के नतीजे आने से पहले ही कुछ एजेंसियां एग्जिट पोल जारी करती हैं। एग्जिट पोल एक तरह से मतदान के बाद किया जाने वाला सर्वेक्षण होता है। मतदान खत्म होने के बाद मतदाताओं से पूछा जाता है कि उन्होंने किस पार्टी या उम्मीदवार को वोट दिया है। मतदाताओं के जवाबों के आधार पर एग्जिट पोल जारी किया जाता है।

एग्जिट पोल से यह भी पता चलता है कि किस पार्टी या गठबंधन को कितनी सीटें मिलने की संभावना है। हालांकि, यह याद रखना चाहिए कि एग्जिट पोल 100% सही नहीं होते हैं। कई बार एग्जिट पोल में जो नतीजे दिखाए जाते हैं, उससे अलग नतीजे चुनाव में आते हैं।

इस बार भी चुनाव से पहले कई एजेंसियों ने एग्जिट पोल जारी किए हैं। कुछ एजेंसियों के एग्जिट पोल के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एक बार फिर से सबसे बड़ी पार्टी बनने जा रही है। वहीं, कुछ एजेंसियों के एग्जिट पोल के मुताबिक, कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए गठबंधन को ज़्यादा सीटें मिल सकती हैं।

अब देखना यह है कि आखिरकार चुनाव के नतीजे क्या आते हैं। क्या एग्जिट पोल सही साबित होंगे या एक बार फिर से एग्जिट पोल से अलग नतीजे आएंगे। इसका पता तो वोटों की गिनती के बाद ही चलेगा।

फिलहाल तो जनता को इंतजार करना होगा कि देश का नया प्रधानमंत्री कौन बनेगा। क्या एक बार फिर से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनेंगे या फिर देश को नया प्रधानमंत्री मिलेगा।

चुनाव के नतीजे आने के बाद देश में एक नई सरकार बनेगी और नई सरकार के सामने कई चुनौतियां होंगी। देश में बेरोजगारी की समस्या को दूर करना, अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना, किसानों की समस्याओं का समाधान करना और सामाजिक सद्भाव बनाए रखना जैसी चुनौतियां नई सरकार के सामने होंगी।

आशा करते हैं कि देश में जो भी सरकार बने, वह देश की जनता के हित में काम करेगी और देश को तरक्की की राह पर ले जाएगी।