एलटीसीजी कर: समझिए क्या है और क्या नहीं है




भारत में शेयर बाज़ार में निवेशकों के लिए हाल ही में किए गए बजट बदलावों में से एक है लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) पर कर लगाया जाना। चलिए सरल भाषा में समझते हैं कि एलटीसीजी क्या है और इससे निवेशकों पर क्या असर पड़ेगा।
अभी तक क्या था?
पहले, एक साल से ज़्यादा समय तक रखे गए शेयरों पर कैपिटल गेन्स टैक्स (CGT) नहीं लगता था। यानी अगर आप एक शेयर 100 रुपये में खरीदते हैं और उसे एक साल से ज़्यादा बाद 150 रुपये में बेचते हैं, तो आपको कोई CGT नहीं देना पड़ता था।
अब क्या बदलाव हुआ है?
अब, एक साल से ज़्यादा समय तक रखे गए इक्विटी शेयरों पर भी 10% की दर से LTCG लगेगा। हालांकि, यह तभी लगेगा जब आपका प्रॉफ़िट एक लाख रुपये से ज़्यादा हो। यानी अगर आप 1 लाख रुपये तक का प्रॉफ़िट कमाते हैं, तो LTCG नहीं लगेगा।
एलटीसीजी से किसे फ़ायदा होगा?
LTCG मुख्य रूप से छोटे निवेशकों के लिए अच्छा है। पहले, छोटे निवेशक एक साल से ज़्यादा समय तक शेयर होल्ड करके ही टैक्स से बच सकते थे। लेकिन अब, वे चाहें तो एक साल से पहले भी शेयर बेचकर प्रॉफ़िट कमा सकते हैं और LTCG का फ़ायदा उठा सकते हैं।
एलटीसीजी से किसे नुकसान होगा?
LTCG का सबसे ज़्यादा नुकसान बड़े निवेशकों, ख़ासकर म्यूचुअल फ़ंड निवेशकों को होगा। बड़े निवेशक लंबे समय तक निवेश करके अच्छा रिटर्न कमाते हैं। लेकिन LTCG के कारण उन्हें अपने प्रॉफ़िट पर टैक्स देना होगा।
एलटीसीजी के फ़ायदे और नुकसान
फ़ायदे:
* सरकार को ज़्यादा राजस्व मिलेगा।
* शेयर बाज़ार में निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
* लोग शेयरों को लंबे समय तक होल्ड करने के बजाय जल्दी बेचकर प्रॉफ़िट कमा सकेंगे।
नुकसान:
* बड़े निवेशकों को नुकसान होगा।
* म्यूचुअल फ़ंड निवेश को नुकसान होगा।
* शेयर बाज़ार में अस्थिरता बढ़ सकती है।
आपको क्या करना चाहिए?
अगर आप एक छोटे निवेशक हैं, तो LTCG आपके लिए अच्छा है। आप चाहें तो एक साल से पहले भी शेयर बेचकर प्रॉफ़िट कमा सकते हैं। लेकिन अगर आप एक बड़े निवेशक हैं, तो LTCG आपके लिए नुकसानदेह हो सकता है। आपको लंबे समय तक निवेश करके ही टैक्स बचत का फ़ायदा उठाना चाहिए।