ऑस्ट्रेलियन क्रिकेट और फुटबॉल की दुनिया में, एलीस पेरी एक ऐसे नाम से जुड़ी हैं जो शानदारता और बहुमुखी प्रतिभा का पर्याय बन गया है। क्रिकेट और फुटबॉल, दोनों में अपनी असाधारण उपलब्धियों के साथ, वह उन चुनिंदा एथलीटों में से एक हैं जिन्होंने दो पेशेवर खेलों में विश्व कप जीता है।
सबसे पहले एक क्रिकेटर के रूप में ख्याति प्राप्त की, पेरी ने 2007 में अपनी अंतरराष्ट्रीय शुरुआत की। अपनी शक्तिशाली बल्लेबाजी और सटीक गेंदबाजी के साथ, वह जल्दी ही एक प्रमुख खिलाड़ी बन गईं। 2013 में, उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को एशेज जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो लगातार 14 टेस्ट मैचों में उनकी पहली जीत थी।
2015 में, पेरी ने फुटबॉल में अपनी प्रतिभा का पता लगाने का फैसला किया। सिडनी एफसी में शामिल होकर, उन्होंने एक स्ट्राइकर के रूप में तुरंत प्रभाव डाला। उनकी गति, कौशल और गोल करने की क्षमता ने उन्हें जल्द ही ऑस्ट्रेलियाई महिला राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के लिए चुना गया।
2019 में, पेरी ने इतिहास रच दिया जब वह एक ही वर्ष में क्रिकेट और फुटबॉल विश्व कप दोनों जीतने वाली पहली एथलीट बनीं। ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम ने टूर्नामेंट जीता, जबकि पेरी ने प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार जीता। कुछ महीने बाद, ऑस्ट्रेलियाई फुटबॉल टीम ने फीफा महिला विश्व कप भी जीता, जिसमें पेरी ने दो गोल किए।
पेरी की उपलब्धियाँ केवल मैदान तक ही सीमित नहीं हैं। वह महिलाओं के खेल की एक प्रेरक वक्ता और प्रचारक हैं। वह लड़कियों को खेल में शामिल होने और अपनी पूरी क्षमता का एहसास करने के लिए प्रोत्साहित करती हैं। उन्होंने शिक्षा और लैंगिक समानता जैसे महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों के बारे में भी बात की है।
एलीस पेरी न केवल एक असाधारण एथलीट हैं, बल्कि एक प्रेरणादायक रोल मॉडल भी हैं। उन्होंने दिखाया है कि महिलाएं किसी भी चीज़ को हासिल कर सकती हैं, चाहे वह मैदान हो या बाहर। उनकी कहानी कई वर्षों तक आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।