हॉकी में एशिया की सर्वोच्च ट्रॉफी का नाम एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी है। इस ट्रॉफी की शुरुआत साल 2011 में एशियाई हॉकी महासंघ द्वारा की गई थी। इस ट्रॉफी में एशिया महाद्वीप की छह सर्वश्रेष्ठ हॉकी टीमों को आमंत्रित किया जाता है। अब तक भारत ने इस ट्रॉफी में तीन बार चैंपियन बनने का गौरव प्राप्त किया है। जबकि पाकिस्तान और जापान इस ट्रॉफी के दो-दो बार विजेता रहे हैं।
भारत की एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में जीत का सफरभारत ने एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी का पहला खिताब साल 2011 में जीता था। इसके बाद साल 2016 और 2018 में भी भारत ने इस ट्रॉफी पर कब्जा किया। भारत एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाली सबसे सफल टीम है।
एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी का इतिहासएशियाई चैंपियंस ट्रॉफी की शुरुआत साल 2011 में मलेशिया के कुआलालंपुर में की गई थी। इस टूर्नामेंट में पहली बार छह टीमों ने भाग लिया था। भारत ने फाइनल में पाकिस्तान को 4-2 से हराकर पहला खिताब जीता था।
टूर्नामेंट का प्रारूपएशियाई चैंपियंस ट्रॉफी एक राउंड-रॉबिन प्रारूप में खेला जाता है। इसमें सभी टीमें एक-दूसरे से एक मैच खेलती हैं। टूर्नामेंट की शीर्ष दो टीमें फाइनल में पहुंचती हैं। जबकि तीसरे और चौथे स्थान पर रहने वाली टीमें तीसरे स्थान के लिए मैच खेलती हैं।
एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी के पुरस्कारएशियाई चैंपियंस ट्रॉफी के विजेता टीम को ट्रॉफी और स्वर्ण पदक दिए जाते हैं। जबकि दूसरे स्थान पर रहने वाली टीम को रजत पदक और तीसरे स्थान पर रहने वाली टीम को कांस्य पदक दिए जाते हैं।
एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी का महत्वएशियाई चैंपियंस ट्रॉफी एशिया की सर्वश्रेष्ठ हॉकी टीमों के लिए एक प्रतिष्ठित टूर्नामेंट है। यह टूर्नामेंट टीमों को अपने प्रदर्शन में सुधार करने और विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
निष्कर्षएशियाई चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी में एशिया की सबसे प्रतिष्ठित ट्रॉफी है। यह टूर्नामेंट एशिया की सर्वश्रेष्ठ हॉकी टीमों को एक-दूसरे के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करने का एक अवसर प्रदान करता है। भारत इस ट्रॉफी को जीतने वाली सबसे सफल टीम है और इस ट्रॉफी में भारत का प्रदर्शन हमेशा से शानदार रहा है।