ऐ वतन मेरे वतन, तू खून से नहाया है,
तेरे सीने पर जख्म हजार लगे हैं,
पर तू फिर भी खड़ा है, अटल और निर्भीक,
तेरी शान में ये गाथा, सदियों तक गाया जाएगा।
याद है मुझे वो दिन, जब मैं एक नन्हा बच्चा था,
स्कूल जाता था और देशभक्ति गीत गाता था,
"जन गण मन" और "वन्दे मातरम्" की धुनों पर,
मेरा हृदय देशभक्ति से भर जाता था।
बड़े होकर, मैंने इस वतन के इतिहास को पढ़ा,
अमर शहीदों की गाथाओं से मेरा मन अभिभूत हो गया,
उस महान बलिदान को याद करके,
मेरे अंदर देशभक्ति की ज्वाला और अधिक प्रज्वलित हो गई।
अब जब मैं एक वयस्क हूं, तो मैं इस देश का एक गौरवशाली नागरिक हूं,
मैं अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों से अवगत हूं,
मैं इस वतन की सेवा करने के लिए सदैव तत्पर हूं,
ताकि आने वाली पीढ़ियां भी इस वतन पर गर्व कर सकें।
ऐ वतन मेरे वतन, तू मेरा प्राण है,
तेरी मिट्टी में मेरी जान बसती है,
तेरी रक्षा के लिए मैं हमेशा तैयार हूं,
ताकि तू सदियों तक आज़ाद रहे, अमर रहे।
जय हिंद! जय भारत!