ओडिशा निकास सर्वेक्षण




ओडिशा निकास सर्वेक्षण में कई आश्चर्यजनक रुझान सामने आए हैं, जिनमें बीजू जनता दल (बीजद) की लगातार मजबूत स्थिति और विपक्षी दलों का उभरता हुआ प्रदर्शन शामिल है।

बीजेडी की मजबूत बढ़त

सर्वेक्षण में बीजेडी को पूर्ण बहुमत मिलने का अनुमान है, जो 146 सीटों के साथ विधानसभा में सबसे बड़े दल के रूप में उभरेगी। यह 2019 के विधानसभा चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन में मामूली गिरावट को दर्शाता है, लेकिन फिर भी एक मजबूत जनादेश है।

विपक्षी ताकतों का उदय

बीजेडी के एकछत्र शासन को चुनौती देते हुए सर्वेक्षण में विपक्षी दलों के मजबूत प्रदर्शन का संकेत दिया गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 30 से अधिक सीटें मिलने की उम्मीद है, जबकि कांग्रेस 15 सीटों पर वापसी करने की ओर अग्रसर है।

  • बीजेपी के बढ़े हुए प्रदर्शन को नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और पार्टी के जमीनी स्तर पर अभियान को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।
  • कांग्रेस की वापसी राज्य में पार्टी के पुनर्गठन और नवीन पटनायक के खिलाफ सार्वजनिक असंतोष के कारण हो सकती है।

प्रमुख मुद्दे

सर्वेक्षण से पता चला है कि बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और महंगाई मतदाताओं के लिए प्रमुख मुद्दे थे। बीजेडी को शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल में सुधार के लिए श्रेय दिया गया, जबकि भाजपा को कानून व्यवस्था में सुधार के वादों के लिए वोट मिले।

निष्कर्ष

ओडिशा निकास सर्वेक्षण 2 मई को होने वाले मतदान के परिणामों के लिए उत्सुकता बढ़ाता है। बीजेडी को पूर्ण बहुमत मिलने की संभावना है, लेकिन विपक्षी ताकतों के मजबूत प्रदर्शन ने राज्य की राजनीतिक परिदृश्य को चुनौती दी है। यह देखना बाकी है कि क्या सर्वेक्षण के रुझान मतदान के परिणामों से मेल खाते हैं।