ओणम केरल के लोगों का सबसे बड़ा त्यौहार है। हिंदू कैलेंडर में यह पर्व भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक मनाया जाता है। यह त्योहार फसल पकने की खुशी में मनाया जाता है। ओणम को 'कल्लोपना' भी कहते हैं।
ओणम के बारे में मान्यता है कि इस दिन महाबली राजा उनके राज्य में वापस आते हैं। महाबली केरल के राक्षसराज थे जो अत्याचारी नहीं थे। इसलिये भगवान वामन ने उनको पाताल लोक में नहीं भेजा, उनके राज्य में ही रहने दिया। बस एक शर्त यह थी कि वर्ष में एक बार वह अपने प्रदेश में आ सकते हैं।
ओणम के दस दिनों के अवसर पर तरह-तरह के आयोजन होते हैं। पहले दिन 'अथम' को भगवान विष्णु की मूर्ति बनाई जाती है। दूसरे दिन 'चिताम' में मूर्ति को सजाकर रखा जाता है। तीसरे दिन 'थिरुवोनम' को यह मूर्ति नदी या तालाब में विसर्जित की जाती है।
ओणम का त्योहार केरल में काफी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। राज्य सरकार की तरफ से इस मौके पर कई प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। पर्यटकों के लिए भी यह एक आकर्षक त्योहार है।
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