कुआँग होंग
यह समय की बात है। चीन के ज़ुआनझोऊ शहर के एक गाँव में एक कुआँ खोदा जाने लगा। मज़दूर जब लगभग 30 मीटर गहरे तक पहुँच चुके, तो उन्होंने नीचे अजीब सी आवाज़ सुनी।
हैरान मज़दूरों को वहाँ एक बच्चे की चीख-पुकार सुनाई पड़ी।
आवाज़ को सुनकर मज़दूरों ने खुदाई रोक दी और मदद के लिए गाँववालों को बुलाया। गाँववाले भी मौके पर पहुँचे और सभी ने मिलकर मलबा हटाना शुरू किया।
कुछ घंटों की कड़ी मेहनत के बाद, उन्होंने एक 10 वर्षीय लड़की को बचा लिया। लड़की कमज़ोर और भूखी थी, लेकिन ज़िंदा थी।
गाँववालों ने लड़की को कपड़े और खाना दिया। लड़की ने अपना नाम कूआँग होंग बताया।
कूआँग होंग ने बताया कि वह पिछले तीन दिनों से कुएँ में फँसी हुई थी। वह अपने खेत में काम कर रही थी, तभी अचानक ज़मीन धँसने लगी और वह कुएँ में गिर गई।
गाँववाले कूआँग होंग की कहानी सुनकर बहुत खुश हुए। उन्होंने उसका इलाज किया और उसके माता-पिता को बुलाया। जब कूआँग होंग के माता-पिता अपनी बेटी को सुरक्षित देखने आए, तो उनकी आँखों में खुशी के आँसू थे।
कूआँग होंग की कहानी पूरे ज़ुआनझोऊ शहर में फैल गई। लोग उसकी बहादुरी और गाँववालों की दया की तारीफ़ करने लगे।
कुएँ से बचाए जाने के बाद, कूआँग होंग अपने गाँव की एक नायिका बन गई। लोग उसकी कहानी सुनाते हुए गर्व करते हैं।