कच्चातीवू द्वीप : भारत और श्रीलंका के बीच एक विवादित क्षेत्र




दोनों भारत और श्रीलंका के लिए कच्चातीवू द्वीप रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। यह पलक जलडमरूमध्य में स्थित है, जो भारत और श्रीलंका को अलग करता है। द्वीप का क्षेत्रफल केवल 2 वर्ग किलोमीटर है, लेकिन यह अपनी मछली पकड़ने की संसाधनों की समृद्धि के लिए जाना जाता है।
द्वीप पर संप्रभुता पर भारत और श्रीलंका के बीच लंबे समय से विवाद रहा है। भारत का दावा है कि द्वीप उसके क्षेत्र का हिस्सा है, जबकि श्रीलंका का दावा है कि यह उसके क्षेत्र का हिस्सा है। इस विवाद को 1974 के एक समझौते द्वारा अस्थायी रूप से हल किया गया था, जिसने द्वीप का उपयोग दोनों देशों को साझा करने के लिए दिया था।
हालाँकि, हाल के वर्षों में, विवाद फिर से भड़क उठा है, क्योंकि दोनों देशों ने द्वीप की संप्रभुता पर अपने दावे को मजबूत किया है। भारत ने द्वीप पर एक नौसैनिक स्टेशन स्थापित किया है, जबकि श्रीलंका ने द्वीप की सुरक्षा बढ़ा दी है।
कच्चातीवू द्वीप विवाद एक जटिल मुद्दा है जिसमें दोनों पक्षों के वैध दावे हैं। इस मुद्दे को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए भारत और श्रीलंका को मिलकर काम करना होगा।
विवाद के पीछे का इतिहास
कच्चातीवू द्वीप पर संप्रभुता का विवाद ब्रिटिश काल से है। भारत का दावा है कि द्वीप तमिलनाडु राज्य का हिस्सा रहा है, जबकि श्रीलंका का दावा है कि यह उत्तरी प्रांत का हिस्सा रहा है।
1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद, विवाद और तेज हो गया। भारत ने द्वीप पर अपनी संप्रभुता का दावा किया, जबकि श्रीलंका ने इस दावे को खारिज कर दिया। 1974 में, दोनों देशों ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए जिसके तहत द्वीप का उपयोग दोनों देशों को साझा करने के लिए दिया गया था।
हालाँकि, हाल के वर्षों में, विवाद फिर से भड़क उठा है, क्योंकि दोनों देशों ने द्वीप की संप्रभुता पर अपने दावे को मजबूत किया है। भारत ने द्वीप पर एक नौसैनिक स्टेशन स्थापित किया है, जबकि श्रीलंका ने द्वीप की सुरक्षा बढ़ा दी है।
विवाद का महत्व
कच्चातीवू द्वीप विवाद दोनों देशों के लिए रणनीतिक महत्व रखता है। यह पलक जलडमरूमध्य में स्थित है, जो भारत और श्रीलंका को अलग करता है। जलडमरूमध्य भारतीय महासागर और बंगाल की खाड़ी को जोड़ता है। यह अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और नौसेना आंदोलन के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग है।
द्वीप मछली पकड़ने के संसाधनों में भी समृद्ध है। पलक जलडमरूमध्य में मछली का भंडार है। दोनों भारत और श्रीलंका मछली पकड़ने के अधिकारों को लेकर प्रतिस्पर्धा करते हैं।
विवाद का समाधान
कच्चातीवू द्वीप विवाद एक जटिल मुद्दा है जिसमें दोनों पक्षों के वैध दावे हैं। इस मुद्दे को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए भारत और श्रीलंका को मिलकर काम करना होगा।
विवाद का संभावित समाधान द्वीप पर संप्रभुता साझा करना हो सकता है। दोनों देश मिलकर द्वीप का प्रबंधन कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, दोनों देश मत्स्य संसाधनों के संयुक्त उपयोग पर सहयोग कर सकते हैं।
विवाद का समाधान भारत और श्रीलंका के बीच संबंधों के लिए महत्वपूर्ण है। दोनों देशों ने द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के लिए काम किया है। कच्चातीवू द्वीप विवाद इस सहयोग को बाधित नहीं होना चाहिए।