दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मानहानि के एक मामले में शुक्रवार को जमानत मिल गई है। कोर्ट ने 10,000 रुपये के जमानत बांड पर उन्हें बेल दी है। यह मामला साल 2014 का है, जब केजरीवाल ने पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त बी. बी. टंडन पर 'बिकाऊ अफसर' होने का आरोप लगाया था।
क्या है पूरा मामला?इस मामले से हमें यह सीख मिलती है कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। चाहे कितना भी बड़ा पद क्यों न हो, कानून का उल्लंघन करने वालों को सजा जरूर मिलती है। यह मामला आम आदमी के लिए भी एक उदाहरण है कि वे किसी भी तरह का अपराध करने से बचें।
लेकिन...इस मामले में कुछ सवाल भी उठते हैं। पहला, क्या केजरीवाल का टंडन पर लगाया गया आरोप सही था? दूसरा, क्या केजरीवाल का बेल पर रिहा होना न्यायसंगत है? इन सवालों का जवाब न्यायालय को ही तय करना है।
लेकिन यह बात भी तय है कि कानून का सबको पालन करना चाहिए। चाहे आप कोई आम आदमी हों या देश का प्रधानमंत्री।