यह कहावत कजल निषाद की असाधारण यात्रा पर पूरी तरह से लागू होती है। उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गाँव में जन्मीं कजल ने अपने अदम्य जुनून और दृढ़ संकल्प के दम पर आज खेल की दुनिया में एक अलग पहचान बनाई है।
कजल की कहानी किसी परी कथा से कम नहीं है। उनकी प्रतिभा बचपन से ही झलकती थी, लेकिन सामाजिक बाधाओं और वित्तीय कठिनाइयों ने उनके रास्ते में कई रोड़े अटकाए। फिर भी, उन्होंने हार नहीं मानी। अपने छोटे भाई की साइकिल पर अभ्यास करके, और स्थानीय खेल मैदानों पर अथक घंटे बिताकर, उन्होंने अपनी प्रतिभा को निखारा।
जैसे-जैसे कजल की प्रतिभा बढ़ती गई, उन्हें प्रशंसकों और प्रायोजकों का समर्थन मिलने लगा। उन्हें राष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंट में भाग लेने का मौका मिला, जहाँ उन्होंने अपने कौशल से सबको चकित कर दिया। उनकी सफलता ने उन्हें 2023 में फ्रांस में आयोजित विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करने का सम्मान दिलाया।
कजल निषाद की कहानी हमें याद दिलाती है कि प्रतिभा और जुनून से हम अपने सपनों को साकार कर सकते हैं। यह हमें सामाजिक बाधाओं को तोड़ने और अपने लक्ष्यों को पाने के लिए प्रेरित करती है।
"कजल निषाद के जीवन से प्रेरणा लेकर, हम सभी अपने भीतर की प्रतिभा को उजागर कर सकते हैं और असाध्य को भी साध्य कर सकते हैं!"