कोंडा सुरेखा, तेलंगाना की एक प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ हैं, जो अपने साहसिक रुख और सामाजिक कार्यों के लिए जानी जाती हैं। जनता की आवाज को बुलंद करने के लिए, उन्होंने असंख्य मुद्दों पर बेबाकी से बात की है, जिससे उन्हें जनता के बीच काफी प्रशंसा मिली है।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा:कोंडा सुरेखा का जन्म 19 अगस्त, 1965 को वारंगल, तेलंगाना में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा वारंगल में पूरी की और बाद में काकतीय विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
राजनीतिक यात्रा:2004 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल होने से पहले, सुरेखा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) में सक्रिय थीं। उन्हें 2009 और 2014 में वारंगल पूर्व विधानसभा क्षेत्र से तेलंगाना विधान सभा के लिए चुना गया था।
मंत्री पद:2019 में, तेलंगाना राष्ट्र समिति के साथ मिलकर सरकार बनाने के बाद, सुरेखा को वन, पर्यावरण और बंदोबस्ती मंत्री नियुक्त किया गया था। उन्होंने इन विभागों में कई पहल की हैं, जिनमें महिलाओं और वंचित समुदायों को सशक्त बनाना शामिल है।
सामाजिक कार्य:अपने राजनीतिक करियर के अलावा, सुरेखा एक सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। वे महिला सशक्तिकरण, बाल विकास और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने वाले कई संगठनों से जुड़ी हुई हैं।
विवाद और आलोचना:सुरेखा अपने बेबाक बयानों और कई मुद्दों पर अपने अडिग रुख के लिए जानी जाती हैं। उनकी कुछ टिप्पणियों ने विवाद और आलोचना को जन्म दिया है, लेकिन उन्होंने अपनी मान्यताओं पर दृढ़ता से कायम रहना जारी रखा है।
भविष्य की योजनाएँ:सुरेखा तेलंगाना के लोगों की सेवा करने और राज्य में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। वे शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और महिला सशक्तिकरण पर ध्यान देने के साथ अपनी नीतियों और पहलों को जारी रखने की योजना बना रही हैं।
निष्कर्ष:कोंडा सुरेखा एक प्रेरक व्यक्ति हैं, जो साहस, समर्पण और सामाजिक न्याय के लिए अपनी प्रतिबद्धता के लिए जानी जाती हैं। तेलंगाना की आवाज के रूप में, उन्होंने असंख्य मुद्दों पर जनता की चिंताओं को उठाया है और राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनकी यात्रा उन सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है जो अपने समुदायों में बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।