कितने पन्ने के हैं आपके जीवन की डायरी?




जीवन की डायरी
इस सवाल का जवाब देने से पहले आइए मैं आपको एक कहानी सुनाऊँ।
एक बार, एक गाँव में एक बूढ़ा रहता था। वह बहुत बुद्धिमान था और हमेशा लोगों की मदद करने को तैयार रहता था। गाँव के लोग उससे बहुत प्यार करते थे और उसे 'पंडितजी' कहकर बुलाते थे।
एक दिन, गाँव में एक भयानक अकाल पड़ा। लोग भूख से मर रहे थे। पंडितजी ने लोगों को बचाने के लिए एक योजना बनाई। उसने गाँव के सभी लोगों को एक साथ बुलाया और कहा, "मेरे पास एक किताब है जिसमें जीवन के सारे रहस्य लिखे हैं। अगर आप इस किताब को पढ़ते हैं, तो आपको कभी भी किसी चीज़ की कमी नहीं होगी।"
लोग बहुत उत्साहित हो गए। उन्होंने पंडितजी से किताब लाने को कहा। पंडितजी अपने घर गए और एक खाली किताब लाए। लोगों ने उसे देखकर पूछा, "पंडितजी, यह तो खाली है!"
पंडितजी ने मुस्कुराते हुए कहा, "हाँ, यह खाली है, लेकिन यह जीवन की डायरी है। आप जो भी अनुभव करते हैं, उसे इस किताब में लिखते जाएँ। आपके सुख, दुख, सफलताएँ, असफलताएँ, सब कुछ। जब आप इसे पढ़ते हैं, तो आपको एहसास होगा कि आपके जीवन की हर घटना एक सीख है।"
लोगों ने पंडितजी की बात मानी और अपनी जीवन की डायरी लिखना शुरू कर दिया। जैसे-जैसे समय बीतता गया, उनकी डायरियाँ मोटी और मोटी होती गईं। जब वे अपनी डायरियाँ पढ़ते थे, तो उन्हें अपने जीवन के बारे में बहुत सारी चीज़ें पता चलती थीं। उन्होंने सीखा कि उनके दुख भी उनके लिए सिखावन थे, और उनकी असफलताएँ ही उन्हें सफलता की ओर ले गईं।
अब, आइए हम आपके प्रश्न पर वापस आते हैं। आपके जीवन की डायरी कितने पन्ने की है? यह आपके द्वारा जीते गए अनुभवों की संख्या पर निर्भर करता है। जितने अधिक अनुभव आप करेंगे, उतनी ही आपकी डायरी मोटी होगी। इसलिए अपने जीवन के हर पल का आनंद लें, और उसे अपनी डायरी में लिखें। आप कभी नहीं जानते कि भविष्य में ये अनुभव आपके लिए कितने मूल्यवान होंगे।