कितनी बार वो हमे सताता है ना !




यह सरकारी नौकरी उनके फैसले का नतीजा था, जिसने उसे अन्य उम्मीदवारों से अलग पहचान दिलाई। उसे अपने अध्यापन विषय के लिए सफल होने का मार्ग मिला। वह बड़ी मेहनत से पढाई करता था। बहुत कुछ सीखने की कोशिश की। कभी-कभी तो वह बहुत निराश भी हो जाता था क्योंकि जब भी वह अच्छे से पढ़ लेता था तो भी उसके तेज़ दिमाग वाले दोस्त उससे बेहतर प्रदर्शन कर लेते थे। यह बात उसे बहुत अंदर तक तकलीफ़ देती थी।

लेकिन उसने कभी हार नहीं मानी। उसने हमेशा अपने प्रयास जारी रखे। आखिरकार, उसके परिश्रम का फल मिला और उसे सरकारी नौकरी मिल गई। इस सफलता का श्रेय वह अपनी मेहनत और लगन को देता है। उसका मानना है कि किसी भी चीज़ को हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत और समर्पण की आवश्यकता होती है। सरकारी नौकरी मिलने के बाद भी वह अपनी पढ़ाई जारी रखता है। अब उसकी एक डायरी है जिसमें वह अपने लक्ष्य और सपने लिखता है। साथ ही अपनी उपलब्धियों को भी नोट करता है।

वह मानता है कि जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए लक्ष्य और सपने निर्धारित करना महत्वपूर्ण है। वह भविष्य में एक प्रसिद्ध शिक्षक बनना चाहता है जो अपने छात्रों को प्रेरित करे और उन्हें सफल बनाने में मदद करे। वह जानता है कि यह एक कठिन काम है, लेकिन वह इसके लिए प्रतिबद्ध है। उसका कहना है, "मैं एक ऐसा शिक्षक बनना चाहता हूं जो अपने छात्रों को सीखने के लिए प्रेरित करे। मैं उन्हें उनके सपनों को पूरा करने में मदद करना चाहता हूं।"

उसका लक्ष्य उच्च है, लेकिन वह जानता है कि कड़ी मेहनत और समर्पण से कुछ भी हासिल किया जा सकता है। वह एक प्रेरणा हैं और हमें याद दिलाते हैं कि कभी भी अपने सपनों को हार नहीं माननी चाहिए। चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ क्यों न हों, कभी भी हार मत मानो। अगर हम मेहनत और लगन से काम करें तो हम अपने लक्ष्यों को जरूर हासिल करेंगे।